Home देश मोहन भागवत के अखंड भारत वाले ‘मास्टर प्लान’ को कहां से मिल...

मोहन भागवत के अखंड भारत वाले ‘मास्टर प्लान’ को कहां से मिल रही है ताकत…ये हैं 6 कारण

2

नईदिल्ली

आरएसएस का सपना अखंड भारत का रहा है ये बात किसी से छिपी नहीं रही है. कुछ सालों पहले तक इस संगठन के कट्टर समर्थकों को यकीन नहीं था कि कभी धारा 370 का खात्मा और अयोध्या में राममंदिर का सपना इतनी जल्दी पूरा हो सकेगा. पर अखंड भारत का सपना इतना आसान नहीं है. लेकिन संघ प्रमुख जिस कॉन्फिडेंस के साथ यह सपना बार-बार दिखा रहे हैं यह यूं ही नहीं हो सकता. उन्हें कौन सी परिस्थितियां ऐसी दिख रही हैं जिससे उन्हें लगता है कि अखंड भारत का सपना हकीकत में बदल जाएगा?

दरअसल संघ प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को एक छात्र से बातचीत में कह दिया कि आपके बूढ़े होने से पहले अखंड भारत बनते जरूर दिख जाएगा 'क्योंकि परिस्थितियां अब ऐसी करवट ले रही हैं. जो भारत से अलग हुए हैं, उनको लगने लगा है कि गलती हो गई, हमको फिर से भारत होना चाहिए. 'दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान भागवत से एक छात्र ने सवाल किया, 'हम भारत को अखंड भारत के रूप में कब तक देख लेंगे?' संघ प्रमुख ने पिछले साल अप्रैल में भी ऐसा ही कुछ कहा था. उन्होंने कहा था, '20-25 साल में तो भारत अखंड भारत बन जाएगा, लेकिन हम कोशिश करेंगे तो 15 साल में भी ऐसा हो सकता है.'

 पाकिस्तान के कई हिस्सों से लगातार उठती अलगाववाद की मांग

पाकिस्तान चार प्रांतों पंजाब-सिंध-खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान से मिलकर बना है. बलूचिस्तान और सिंध में बहुत दिनों से अलगाववादी आंदोलन चल रहा है. ये दोनों प्रांत पाकिस्तान के सबसे अशांत प्रांत के तौर पर जाने जाते हैं. इन इलाकों में हिंसा और असंतोष की भावना काफी बड़ा रूप लेता जा रहा है. पाकिस्तान के सिंध प्रांत में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार की खबरें आती रहती हैं. सिंध प्रांत के लोग  'सिंधुदेश' बनाने की मांग कर रहे हैं.
 पीओके से भी भारत में शिफ्ट करने की मांग लगातार हो रही है. पीओके के लोगों को अब लगता है भारत के हिस्से के कश्मीर के लोग कितने खुशहाल हैं. गिलगित बाल्टिस्तान में हर हफ्ते ऐसा जुलूस निकलता है जहां यह मांग की जाती हैं उन्हें पाकिस्तान के साथ नहीं रहना है.

पाकिस्तान की गिरती अर्थव्यवस्था 

यह दुनिया के सामने है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बर्बादी के कगार पर है. महंगाई दर 40% तक पहुंचने वाली है. पाकिस्‍तानी रुपये की वैल्यू पिछले साल तक 33 प्रतिशत तक गिर गई थी. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खत्म हो रहा है उसके पास जरूरी भुगतान के लिए पैसे नहीं हैं इसलिए सारे आयात -निर्यात कैंसल होने की कगार पर हैं. उसकी S&P रेटिंग CCC+ है, इससे नीचे गिरना संभव नहीं.  पेट्रोल पंप खाली पड़े हैं, बिजली कटौती से जनता त्रस्त है. खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं. कारों के शोरूम बंद हो रहे हैं.दूसरी ओर भारत की इकॉनमी कुलांचे भर रही है. दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है. मोबाइल और कार उत्पादन में देश रिकॉर्ड बना रहा है. नए यूनिकॉर्न लगातार खड़े हो रहे हैं. एयरलाइंस सेक्टर रेकॉर्ड संख्‍या में विमानों के बल्क ऑर्डर दे रही हैं. चीन का मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री भारत में आ रही हैं.

पाकिस्तानी सोशल मीडिया में भारत की जय-जयकार 

चेतन भगत ने कुछ दिनों पहले अपने एक ऑर्टिकल में लिखा था कि आज की तारीख में पाकिस्‍तानियों को अपने नेताओं और मिलिट्री से कोई उम्मीद नहीं रह गई है. ऐसे में भारत से करीबी को लेकर वहां की राय बदल सकती है. भगत की लिखी हुई इस बात को आप वहां सोशल मीडिया पर भारत समर्थक यू ट्यूब चैनलों के जरिए देख सकते हैं. पाकिस्तान में दर्जनों ऐसे लोकप्रिय यू ट्यूब चैनल हैं जो दिन रात भारत की गुणगान करते हैं. 

 भारत ही नहीं बल्कि वहां नरेंद्र मोदी के समर्थकों की बड़ी तादाद मिल जाएगी. एक इस्लामी कट्टरपंथी मुल्क में भारतीय हिंदू संस्कृत की तारीफ करना कितना खतरनाक हो सकता है इसे इस तरह समझ सकते हैं कि भारत जो अपेक्षाकृत उदार मुल्क माना जाता है यहां ऐसा संभव नहीं है कि कोई पाकिस्तानी संस्कृति की तारीफ अपने चैनल में कर सके. अभी हाल ही में भारत-पाकिस्तान के बीच हो क्रिकेट मैच में विराट कोहली के आउट होने पर उनकी एक पाकिस्तानी फैन रोने लगी. ये पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ा बदलाव है. आप इसे सस्ती लोकप्रियता पाने का बहाना कह सकते हैं , आप इसे यू ट्यूब पर फॉलोअर बढ़ाने की युक्ति कह सकते हैं . आप जो कुछ भी कहें पर एक महान मुल्क तभी बनता है जब इसी तरह हजार कारण बन जाएं उस देश की तारीफ के लिए.

इस तरह के माहौल के बावजूद एकीकरण शायद फिर भी न हो पर एक उम्मीद की किरण तो जरूर जगती है. चेतन लिखते हैं हो सकता है कि एक दिन शायद भारत से धार्मिक मसले भी कम होने लगेंगे और 'देसी नैशनलिस्ट, सब-कॉन्टिनेंटल, ब्राउन प्राइड' का विचार उठ सकता है.

विश्व के इतिहास से मिलती है प्रेरणा

विश्व के इतिहास का अध्ययन करें तो पाएंगे कि विभाजन कभी स्थाई नहीं रहा है.अपने ही देश में देख लें अंग्रेजों ने 1905 में अंग्रेजों ने बंगभंग किया बाद में 1911 में एक हो गया. 2000 साल पहले नष्ट इजराइल मई 1948 में फिर से स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आकार ले लिया. जर्मनी का विभाजन 1945 में, परन्तु 1989 में पूर्वी जर्मनी व पश्चिम जर्मनी को विभाजित करने वाली बर्लिन की दीवार गिरा दी गई और जर्मनी पुनः एक हो गया. दोनों वियतनाम एक हो सकते हैं तो भारत- पाकिस्तान और बांग्लादेश क्यों नहीं ? जहां कि एक ही भाषा ,एक ही नस्ल संस्कृति और सभ्यता एक ही है. प्रसिद्ध लेखक-वान वाल्बोनवर्ग ने भी कहा था कि भौगोलिक दृष्टि से भारत और पाकिस्तान का विभाजन इतना तर्कहीन है कि आश्चर्य होता है कि यह कितने समय तक चल सकेगा?

भविष्य में एकीकरण के मतलब बदल जाएंगे

आने वाले समय में एकीकरण के मतलब भी बदल जाएंगे और संप्रभु राष्ट्रों का पैमाना भी बदल सकता है. यह जरूरी नहीं है कि पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश और बिहार जैसी ही हो. ऐसा भी हो सकता है कि भारत अपने राज्यों को भविष्य में अधिक स्वायत्तता दे और ये भी हो सकता है भारत-पाकिस्तान और बांग्लादेश जैसे और छोटे राज्यों को मिलाकर कोई लचीला संघ की नई परिकल्पना आकार ले. आज पाकिस्तान और भारत का हर आदमी अपने देश से प्यार करता है पर जीवन में अर्थ इतना महत्वपूर्ण हो जाता है कि वो ग्रीन कार्ड मिलने पर अपना देश छोडकर अमेरिका बसने को तैयार हो जाता है. जिस तरह भारतीय इकॉनमी का विस्तार हो रहा है , जिस तरह अमेरिका और यूरोप में महंगाई से लोग त्रस्त हो रहे हैं एक दिन इसका उल्टा भी हो सकता है. भारतीय इकॉनमी अगर सही ढंग से रफ्तार पकड़ी तो एक दिन ऐसा भी हो सकता है भारतीय नागरिकता डिमांड बढ़ जाए. इस तरह अखंड भारत का हिस्सा बनने के लिए पड़ोसी देश इच्छुक हो जाएं.

सुन्नियों को छोड़कर सभी मुसलमान पाकिस्तान से नाराज

पाकिस्तान की आबादी में 17 फीसदी शिया मुसलमान हैं. लेकिन, Pew रिसर्च के एक सर्वे के मुताबिक 41 फीसदी पाकिस्तानी शियाओं को मुसलमान नहीं मानते हैं. पाकिस्तान का गिलगित-बाल्टिस्तान से लगातार ऐसी खबरें आ रही हैं कि लोग भारत में विलय की मांग कर रहे है.दरअसल एक शिया धर्मगुरु की गिरफ्तारी से लोग पाकिस्तान सरकार से नाराज हैं. शिया ही नहीं भारत से पाकिस्तान जाने वाले बिहारी मुसलमानों के साथ वहां की सरकार ने क्या सुलूक किया यह किसी छुपा नहीं है. बंटवारे के बाद मुहाजिर मुसलमानों को न पूर्वी पाकिस्तान में चैन मिला, न पश्चिमी पाकिस्तान में आराम. 

मुसलमानों के नाम पर बने इस देश में अहमदिया मुसलमानों को गैर-मुस्लिम करार दिया जा चुका है.ब लूच मुसलमानों के साथ पाकिस्तान ने जो धोखा किया उससे नाराज बलोज आज तक लड़ रहे हैं.