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रांची रिम्स में डेंगू के 18 मरीज इलाजरत, प्लेटलेट्स की बढ़ी मांग, हर दिन चाहिए 10 यूनिट

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 रांची

बदलते मौसम ने बीमारियों की रफ्तार में तेजी ला दी है। राज्य इन दिनों डेंगू और चिकनगुनिया की चपेट में है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि 15 जिले डेंगू और 10 जिले चिकनगुनिया की चपेट में हैं। जमशेदपुर में डेंगू के मरीजों की संख्या सर्वाधिक 475 है। रांची दूसरे स्थान पर है, जहां एक मरीज की मौत हो चुकी है। रांची में अगस्त तक 26 डेंगू और 47 चिकनगुनिया के मामले मिले थे। रांची के रिम्स और सदर अस्पताल में 20 मरीज इलाजरत हैं। सरकारी जांच व्यवस्था के साथ-साथ निजी लैब में हो रही जांच में डेंगू के मामले सामने आ रहे हैं।

प्लेटलेट्स की बढ़ी मांग
डेंगू-चिकगुनिया के मामले को देखते हुए राजधानी रांची में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गयी है। हर दिन लगभग 10 यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत राजधानी रांची को हो रही है। आंकड़ों के मुताबिक जुलाई में जहां प्लेटलेट्स की जरूरत 96 यूनिट थी वह अगस्त से लेकर अब तक 252 यूनिट हो गयी है। वहीं मरीजों की संख्या की बात करें तो सिर्फ रिम्स में ही मच्छर जनित बीमारियों के रोज 10 मरीज ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है।

शहर के सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था
मच्छर जनित बीमारियों की बढ़ी संख्या को देखते हुए राजधानी रांची के सरकारी अस्पतालों में अगल और विशेष व्यवस्था की गयी है। रिम्स और सदर अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की गई है। रिम्स में जहां 50 बेड की व्यवस्था है, वहीं सदर अस्पताल में 36 बेड की व्यवस्था की गई है। साथ ही डेंगू से बचाव के लिए वेक्टर जनित रोग राज्य कार्यक्रम की ओर से जिलों को गाइडलाइन जारी कर दिया गया है। टीम घर-घर जाकर मच्छरों के लार्वा भी नष्ट कर रही है। राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ बीरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार लार्वा नष्ट करने का यह अभियान 30 नवंबर तक चलेगा।

क्या है रांची नगर निगम का स्टेप
नगर निगम के प्रशासक अमित कुमार के मुताबिक शहर के सभी 53 वार्डों में डोर टू डोर अभियान चलाने को कहा गया है। जिन वार्डों में सबसे अधिक लोगों की तबीयत खराब होने की शिकायत मिल रही है, वहां जाकर घरों की जांच करें। अगर डेंगू का लार्वा मिलता है, तो उसे नष्ट करने के लिए सघन अभियान चलायें। लार्वा की जांच करने के लिए नगर निगम ने 10 टीमों का गठन किया है। इसके अतिरिक्त लार्वा से निजाद के लिए केमिकल का छिड़काव व फॉगिंग के लिए 212 कर्मियों को लगाया गया है।

लक्षण को पहचाने
सिरदर्द
मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द
ठंड लगने के साथ बुखार चढ़ना
जी मिचलाना
उल्टी आना
आंखों में दर्द
स्किन पर लाल चकत्ते होना
मुंह का स्वाद खराब लगना