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खुद को ‘जिहादियों का जीजा’ कहने वाले बिट्टू बजरंगी को सता रहा जान का डर, चाहता है सुरक्षा

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नूंह

नूंह में बृजमंडल धार्मिक यात्रा को लेकर हुई हिंसा के मामले में जमानत पर चल रहे गोरक्षा बजरंग फोर्स के अध्यक्ष बिट्टू बजरंगी ने अपनी जान पर खतरे का अंदेशा जताया है। आरोपी ने अपने वकील एलएन पाराशर से मुलाकात कर पुलिस सुरक्षा दिलाने की मांग की है। अब आरोपी के अधिवक्ता पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में जमानत याचिका दायर करेंगे।

आरोपी के अधिवक्ता एवं जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एलएन पाराशर ने बताया कि उनके मुवक्किल को आतंकी संगठन से जान का खतरा बना हुआ है। इस वजह से मुवक्किल को पुलिस सुरक्षा मिलनी चाहिए। वह पुलिस सुरक्षा दिलाने के लिए अदालत में जमानत याचिका दायर करेंगे। बजरंगी ने मंगलवार को उनके चेंबर में आकर उनसे याचिका दायर करने का आग्रह किया है। उन्होंने बताया कि पुलिस सुरक्षा के साथ-साथ बजरंगी के खिलाफ नूंह के सदर थाने में दर्ज एफआईआर नंबर-413 के ट्रायल को फरीदाबाद में करवाने के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की जाएगी।

बिट्टू बजरंगी को पुलिस ने नूंह हिंसा के आरोप में 15 अगस्त को गिरफ्तार किया था। उसपर भड़काऊ बयानबाजी करने का आरोप है। फरीदाबाद पुलिस ने उसे उसके घर से अरेस्ट किया था। सादे लिबास में पहुंचे पुलिसकर्मियों को देखकर बजरंगी ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उसे दौड़ाकर पकड़ लिया। उसपर महिला पुलिस अधिकारी के सामने तलवार लहराने और नारेबाजी करने का आरोप है। बृजमंडल यात्रा के दौरान उसका एक भड़काऊ वीडियो भी सामने आया था जिसा भड़काने की वजहों में से एक माना गया था।

राज कुमार है असली नाम
बिट्टू बजरंगी का असली नाम राज कुमार है। वह खुद को गौरक्षक और सनातन धर्म का कार्यकर्ता बताता है। नूंह में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के दौरान बिट्टू बजरंगी ने महिला पुलिसकर्मी के साथ गलत व्यवहार किया था और सरकारी कार्य में बाधा डाली थी। ऐसे में पुलिस ने बजरंगी और उसके लगभग 20 सहयोगियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया था। सुरक्षा के लिहाज से उसे नीमका जेल भेजा गया था। पुलिस पूछताछ में उसने कहा था कि मुझे नहीं पता था कि वीडियो वायरल होने पर हिंसा भड़क जाएगी। मुझसे गलती हो गई। मैंने गुस्से में आकर भड़काऊ बयान दिया था।