बीजापुर
कलेक्टर राजेन्द्र कुमार कटारा की अध्यक्षता में जिले के नक्सल पीड़ित व्यक्तियों, परिवारों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़े जाने के उद्देश्य से तथा पर्याप्त सुरक्षा एवं पुर्नवास हेतु शासन द्वारा स्वीकृत आत्मसर्मपण एवं पुर्नवास कार्य योजना में निहीत प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन की समीक्षा जिला स्तरीय नक्सल पुनर्वास कमेटी की समीक्षा बैठक में की गई।
समीक्षा के दौरान पीड़ित परिवारों के युवाओं को पात्रतानुसार शासकीय सेवाओं (कलेक्टर दर) पर रखने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए। शिक्षा, स्वास्थ्य, आदिम जाति, महिला एवं बाल विकास जैसे विभागों में कलेक्टर दर पर प्राथमिकता पूर्वक नौकरी प्रदाय करने, चिकी फैक्ट्री, गारमेंट फैक्ट्री सहित रोजगार मूलक योजनाओं से जोडने आर्थिक संबल प्रदाय करने के निर्देश दिए। वहीं आवास हेतु भूमि चयन कर पीड़ित परिवारों को लाभान्वित करने, नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों को छात्रवृति नियमित रूप से प्रदाय करने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। जिसके अंर्तगत जिले के नक्सल पीड़ित व्यक्तियों, परिवारों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों को छ.ग. नक्सलवाद उन्मूलन नीति के तहत प्रदाय किये जाने वाली आर्थिक सहायता, नक्सल पीड़ित व्यक्तियों के परिवार एवं आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रदाय किये जाने वाली शासकीय नौकरी एवं रोजगार के संबंध में, नक्सली हिंसा में बेघर हुए पीड़ित परिवारों तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के व्यवस्थापन हेतु चिन्हांकित आवासीय एवं कृषि भूमि के संबंध में, नक्सल प्रभावित व्यक्तियों द्वारा नया बस स्टैण्ड बीजापुर के पीछे अतिक्रमण किये गये भूमि विवाद के निराकरण के संबंध में, नक्सल पीड़ित परिवारों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति प्रदाय किये जाने तथा आत्मसमर्पित नक्सलियों के बुनियादी शिक्षा (कक्षा पांचवी) की व्यवस्था के संबंध में, नक्सल पीड़ित व्यक्तियों, परिवारों एवं आत्मसमर्पित नक्सलियों को प्रदाय की गई स्वास्थ्य सुविधाओं, बस पास, खाद्यान्न योजना ईत्यादि के संबंध में, आत्मसमर्पित नक्सलियों के आधार कार्ड, पेनकार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी, हेल्थ कार्ड बनाने हेतु त्वरित कार्यवाही करने के संबंध में, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में नक्सलियों की खोखली विचार धारा के प्रति लोगो को जागरूक करने तथा शासन के प्रति आमनागरिकों का विश्वास बढ़ाने हेतु सामुदायिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों स्वास्थ्य शिविरों तथा खेल प्रतिस्पधार्ओं के आयोजन सहित विभिन्न विषयों पर विशेष चर्चा की गई। वहीं आवास हेतु भूमि चयन कर पीड़ित परिवारों को लाभान्वित करने, नक्सल पीड़ित परिवारों के बच्चों को छात्रवृति नियमित रूप से प्रदाय करने सहित आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।