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मित्र देशों के लिए भारत ने दिखाई दरियादिली, विशेष संबंधों के तहत सिंगापुर में निर्यात किया जाएगा चावल

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नई दिल्ली
भारत और सिंगापुर (India and Singapore) के बीच मैत्री की पुरानी परंपरा है जो परस्पर विश्वास एवं सम्मान तथा साझे इतिहास पर आधारित है।  दोनों देश लगातार अपने रिश्तों को और मजबूत करने की कोशिश में जुटे हैं। इसी बीच मंगलवार विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs) ने जानकारी दी कि सिंगापुर के साथ विशेष संबंध के मद्देनजर भारत ने सिंगापुर की खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चावल के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है।

विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता, अरिंदम बागची (Arindam Bagchi) ने मंगलवार को सिंगापुर को चावल निर्यात पर मीडिया के सवालों के जवाब में कहा,"भारत और सिंगापुर एक बहुत करीबी रणनीतिक साझेदारी का आनंद लेते हैं, जो साझा हितों, करीबी आर्थिक संबंधों और मजबूत लोगों से लोगों के जुड़ाव की विशेषता है।"    उन्होंने आगे कहा,"इस विशेष रिश्ते को देखते हुए भारत ने खाद्य सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए चावल के निर्यात की अनुमति देने का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा,"इस संबंध में औपचारिक आदेश शीघ्र ही जारी किए जाएंगे।"

 बासमती चावल के निर्यात पर सरकार ने लगाई रोक
बता दें कि कुछ दिनों पहले ही  सरकार ने 1200 डॉलर (करीब 1,00,000 रुपये) प्रति टन से नीचे के बासमती चावल का निर्यात नहीं करने का फैसला लिया है। यह फैसला बासमती चावल के रूप में गैर-बासमती चावल के निर्यात को रोकने को लेकर है।

वाणिज्य मंत्रालय की ओर से कहा गया कि ट्रेड प्रमोशन बॉडी APEDA को आदेश दिया गया है कि 1200 डॉलर प्रति टन से नीचे कॉन्ट्रैक्ट्स को पंजीकृत न किया जाए। 1,200 अमेरिकी डॉलर प्रति टन से नीचे के मौजूदा अनुबंधों को स्थगित रखा गया है।

गैर-बासमती सफेद चावल की निर्यात बढ़ी थी
चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जून के बीच भारत की ओर से 15.54 लाख टन गैर-बासमती सफेद चावल का निर्यात किया गया था। पिछले साल केवल 11.55 लाख टन गैर-बासमती सफे था। गैर-बासमती सफेद चावल पर बैन लगाने का कारण खाद्य वस्तुओं की अधिक कीमत का होना था।