हिंदू धर्मशास्त्रों में दान की काफी महत्ता बताई गई है। सुपात्र यानी योग्य या जरूरतमंद को दान करने से दाता की तकदीर बदल सकती है। शास्त्रों में प्राणीमात्र से लेकर पेड़-पौधों तक की सेवा और उनको दान करने की बात बताई गई है। दान करने से इंसान का दुर्भाग्य दूर होता है और उसके ग्रहों की पीड़ा का भी शमन होता है। दान किसी भी समय कहीं भी किया जा सकता है जिसका थोड़ा-बहुत फल जरूर मिलता है, लेकिन विशेष समयए तिथि, दिवस, परिस्थिति और विशेष लोगों को दिया गया दान विशेष फलदायी होता है। किन्नरों को लेकर समाज में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित है। इनमें सबसे अहम यह है कि वो अक्सर हमारे मांगलिक प्रसंगों में नेग मांगने और बेहतर जिंदगी का आशीर्वाद देने के लिए आपके द्वार पर आते हैं। उस वक्त मिलने वाले इनाम के बदले वह आपको खुशियों से आपकी झोली भरने की दुआएं देकर जाते हैं। लेकिन इसके अलावा भी किन्नर आपके लिए शुभता लेकर आते हैं और कभी ऐसा भी होता है कि उनके रास्ते में दिखाई देने मात्र से आपकी दिन सफल हो जाए। किन्नरों के संबंध में एक ऐसी ही मान्यता है कि किन्नर के सुबह-सुबह दिखाई देने से आपका दिन बेहतर गुजरने की संभावना रहती है। किन्नर के सुबह दिखाई देने मात्र से आपके दिन में शुभता आ जाती है। इसी तरह मान्यता है कि किन्नर से मिली सौगात बरकत लाती है। जब भी कोई किन्नर से राह चलते या कहीं पर आपकी मुलाकात हो जाएए तो उसको कुछ रुपए या सिक्के भेंट करें। फिर किन्नर से एक सिक्का (जो आपने दिया है उनमें से नहीं) लेकर उसको उसको अपने पर्स या तिजोरी में किसी लाल कपड़े में लपेट कर रखे। कहा जाता है कि इस उपाय से अपकी तिजोरी या पर्स में धन की बढ़ोतरी होती है। तो जब भी कोई किन्नर आपको रास्तो में दिखाई दे तो उसको खाली हाथ न जाने दें ना ही आप खाली हाथ वापस आएं। इसी तरह बुधवार को किन्नर को हरे रंग की सुहाग सामग्री के दान का विधान बताया गया है। बुध ग्रह की पीड़ा को शांत करने के लिए बुधवार को हरे रंग की चुड़ियां, लाल साड़ी, सिंदूर जैसी सुहाग सामग्री दान करने का विधान है। इसके साथ ही बुधवार को किन्नरों को एक सिक्के पर सुपारी रखकर दान करने से भी दिक्कतों में कमी आती है और धन-धान्य की वृद्धि होती है