प्रयागराज
अतीक अहमद की हत्या के बाद भी उसके गैंग के खिलाफ एजेंसियों का अभियान लगातार जारी है। आयकर विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सूरज पाल की 4.3 करोड़ की अवैध संपत्तियां अटैच की है। उसे अतीक का करीबी बताया गया है। इस खुलासे के बाद सोमवार को प्रयागराज में खलबली मची रही। ऐक्शन से घबराया मुख्य आरोपी सूरज पाल ने खुद को अतीक अहमद का विरोधी होने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है।
पीपल गांव निवासी सूरज पाल ने सोमवार को सीएम के शिकायत पोर्टल पर अतीक और अशरफ गैंग से जोड़कर उसे बदनाम करने के संबंध में शिकायत की। अपने शिकायती पत्र में उसने बताया है कि 2015 में मरियाडीह में अलकमा और चालक सुरजीत की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अतीक अहमद ने इस दोहरे हत्याकांड में अपने विरोधियों को फंसा दिया था। दो साल बाद 2017 में जब भाजपा की सरकार बनी तो इस केस की अग्रिम विवेचना शुरू हुई।
तब पुलिस ने अतीक और अशरफ समेत अन्य को आरोपी बनाया था। इस दोहरे हत्याकांड का वह मुख्य गवाह बना। इसके अलावा 15 मई 2020 को उसने पूर्व विधायक अशरफ, अतीक के फाइनेंसर खालिद जफर, मो. माज, दिलीप कुशवाहा, मो. मुस्लिम और मो. हसन के खिलाफ रंगदारी और एससी-एसटी एक्ट की धारा में धूमनगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस वक्त आरोप लगाया गया था कि अशरफ के कहने पर आरोपियों ने उसकी प्रॉपर्टी हड़पने की कोशिश की और विरोध करने पर जान से मारने की धमकी दी थी।
प्रॉपर्टी के लिए 20 लाख की रंगदारी मांगी थी। शिकायती पत्र में उसने लिखा है कि वह अशरफ सिद्दीकी के मामले में भी अतीक गैंग के खिलाफ गवाह है। धूमनगंज पुलिस ने उसे गवाह माना है। शुरुआत में उसकी सुरक्षा का भी इंतजाम किया था।
सदर की छह संपत्तियों की खरीद पर रोक
अतीक ने अपने करीबियों के नाम करोड़ों की बेनामी संपत्ति खरीद रखी थी। माफिया की संपत्ति का ब्योरा आयकर कार्यालय लखनऊ से स्टांप विभाग को भेजा गया है। कटहुला गौसनगर, बजहा और पीपलगांव में छह संपत्तियों का ब्योरा दिया गया है। संपत्ति की सूची सहायक निबंधक कार्यालय सदर-एक व दो के कार्यालय पर चस्पा कर दी गई है। नोटिस में इसकी खरीद फरोख्त पर रोक लगाई गई है।
खरीद पर लगाई रोक
एआईजी स्टांप राकेश चंद्रा ने बताया कि आयकर कार्यालय से छह स्थानों पर बेनामी संपत्ति की सूचना मिली है। हमारा काम है कि किसी भी प्रकार से इसकी खरीद फरोख्त न होने पाए। इसकी सूचना सहायक निबंधक कार्यालय सदर-1 व दो के यहां चस्पा करा दी गई है। इसकी खरीद पर रोक लगाई गई है।
उमेश पाल का नजदीकी रहा सूरज पाल
सूरज पाल कभी उमेश पाल का करीबी था। बताया जा रहा है कि उमेश पाल से नजदीकी रिश्ते के कारण ही वह पुलिस की मदद ले पाया था। इसी कारण वह दोहरे हत्याकांड समेत अन्य मामलों में अतीक के खिलाफ गवाह बना। उमेश के मारे जाने के बाद अब इनकम टैक्स ने उसे अतीक का गुर्गा बताया है।
अशरफ सिद्दीकी कभी अतीक का करीबी तो कभी दुश्मन
इनकम टैक्स की कार्रवाई के दौरान अशरफ सिद्दीकी का नाम भी सामने आया है। अशरफ कभी अतीक गैंग के लिए काम करता था। पुलिस रिकार्ड में अशरफ के खिलाफ गैंगस्टर समेत 20 केस दर्ज है। सत्ता बदलने के बाद वह अतीक का विरोधी बन गया। कर्नलगंज में उसके पिता को अगवा करने की कोशिश की गई। इसके बाद उसको केस की पैरवी करने पर धमकी मिली। बाप-बेटे ने अतीक के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराई थी। वह अतीक के खिलाफ कई केस में गवाह है।