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UP के स्कूल की थप्पड़ वाली घटना पर केरल के शिक्षा मंत्री ने की कार्रवाई की मांग, CM योगी को लिखा पत्र

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तिरुवनंतपुरम
 हाल ही में उत्तर प्रदेश के एक स्कूल की शिक्षिका का वीडियो काफी चर्चा में रहा, जिसमें शिक्षिका द्वारा कथित तौर पर अपने स्कूल के छात्रों को अल्पसंख्यक समुदाय के एक लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कहा गया था। इस वीडियो को लेकर प्रशासन भी जांच में जुट गई है।

जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग
वहीं, दूसरी ओर वीडियो वायरल होने के बाद, केरल के शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने कहा कि ऐसी घटना युवाओं के लिए एक खतरनाक साबित हो सकती है। मंत्री ने कहा कि बच्चे और छात्र मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए अपने शिक्षकों पर निर्भर होते हैं। ऐसे में मंत्री ने इस तरह के गलत कृत्यों को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

वीडियो सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
सोशल मीडिया पर इन दिनों जो वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें एक स्कूल शिक्षिका अपने छात्रों से होमवर्क पूरा नहीं करने वाले एक लड़के को थप्पड़ मारने के लिए कह रही है, जिसे वह मोहम्मद कहकर बुला रही है। साथ ही, इस वीडियो में वह समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी करती हुई दिखाई दे रही है।

शिवनकुट्टी ने सीएम योगी को लिखा पत्र
शिवनकुट्टी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर इस घटना पर चिंता व्यक्त की और कहा कि यह न केवल छात्र समुदाय के सद्भाव को खतरे में डालता है, बल्कि देश भर के अनगिनत शिक्षकों की कड़ी मेहनत को पर भी धब्बा हो सकता है। अपने पत्र में, वामपंथी दल के नेता ने एक शैक्षणिक संस्थान के भीतर इस तरह के विभाजनकारी कार्यों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। शिवनकुट्टी ने कहा, "हमारा देश धर्मनिरपेक्षता और उदारता के सिद्धांतों के लिए खड़ा रहा है, लेकिन ऐसी घटनाएं पूरी तरह से इसके खिलाफ है। ऐसी घटनाएं प्रभावशाली युवाओं के लिए एक खतरनाक है, जो मार्गदर्शन और प्रेरणा के लिए अपने शिक्षकों पर निर्भर होते हैं।"

अधिकारियों को आदेश देने का किया आग्रह
उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से इस घटना से प्रभावित छात्रों की सुरक्षा और भावनात्मक कल्याण सुनिश्चित करने के लिए उचित कदम उठाने का भी आग्रह किया है। उन्होंने कहा, "यह जरूरी है कि अधिकारी स्पष्ट संदेश दें कि इस तरह का व्यवहार हमारे समाज में, खासकर हमारे शैक्षणिक संस्थानों में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"