बिहार
बिहार में अब किन्नरों को भी प्रदेश सरकार उद्यमी बनने के मौका दे रही है। इस बाबत राज्य सरकार की तरफ़ से ट्रांसजेंडरों को उदयोग करने के लिए 10 लाख रुपये का लोन दिया जा रहा है। ग़ौरतलब है इस सरकरार की तरफ़ से 50 फीसदी सब्सिडी भी दी जाएगी। मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत 101 तरह के रोज़गार स्थापित करने का प्रावधान है। जिसमें से ट्रांसजेंडर किसी एक रोज़गार को चुन सकते हैं। आपको बता दें कि इस योजना का लाभ लेने के लिए इंटर पास होना ज़रूरी है।
धर्मेंद्र कुमार सिंह (महाप्रबंधक, उद्योग केंद्र, मुजफ्फरपुर जिला) ने बताया कि राज्य के किन्नरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के मकसद से उद्योग विभाग के मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसलिए ही मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से जोड़कर ट्रांसजेंडरों को टेक्सटाइल उद्योग में उतारने की कोशिश की जा रही है।
मध्य प्रदेश की महिलाओं को मिलेगा सरकारी नौकरी में आरक्षण, सीएम शिवराज का ऐलान पटना से इस बाबत रविवार को समाज कल्याण और उद्योग विभाग के अधिकारी मुज़फ़्फ़रपुर जिला स्थित बैग क्लस्टर पहुंचे। उनके साथ करीब 3 दर्जन ट्रांसजेंडरों की टीम भी मौजूद रही, जिन्होंने जीविका की बैग यूनिट और टेक्सटाइल क्लस्टर का जायज़ा लिया। धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि साल 2018 में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत हुई थी। उस वक्त इस योजना के तहत एससी-एसटी को फ़ायदा मिलता था। इसके बाद अतिपिछड़ा वर्ग को भी इस योजना से जोड़ दिया गया। साल 2021 में इस योजना के तहत सभी वर्गों को लाभ दिया गया।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत उद्योग लगाने के 1 साल बाद मिली राशि को 84 किस्तों में चुकाना होता है। इसमें ओबीसी और युवा के लिए 1 फ़ीसद ब्याज है, वहीं अन्य किसी वर्गों को ब्याज नहीं लगता है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना की शुरुआत प्रदेश के कमज़ोर वर्ग के लोगों के लिए हुई थी। योजना का ख़ास मकसद बेरोज़गारी की दरों को कम करना है।