नई दिल्ली.
चंद्रयान-3 को लेकर इसरो ने एक नई अपडेट जारी की है। इसमें चंद्रमा के साउथ पोल पर तापमान के बारे में जानकारी दी गई है। एक ग्राफ के जरिए चंद्रमा के नजदीक और सतह पर तापमान की स्थिति को बताया गया है। यह तापमान अलग-अलग गहराई पर रिकॉर्ड किया गया है। इसरो के मुताबिक जांच के प्रवेश के दौरान इसे दर्ज किया गया है। इसरो ने आगे बताया कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के लिए यह इस तरह का पहला प्रोफाइल है। अभी इसकी विस्तार से निगरानी की जा रही है।
10 सेमी गहराई तक का तापमान
विक्रम लैंडर पर लगा ChaSTE दक्षिणी ध्रुव के आसपास चंद्रमा की ऊपरी मिट्टी का टेम्प्रेचर को नापता है। इसकी मदद से चंद्रमा की सतह के तापमान को समझा जा सकेगा। ChaSTE पेलोड तापमान जांचने का एक यंत्र है। यह 10 सेमी की गहराई तक पहुंचकर वहां का तापमान जांच सकता है। बता दें कि पेलोड में 10 अलग-अलग तापमान सेंसर लगे हैं। इसरो ने जो ग्राफ शेयर किया है, वह अलग-अलग गहराइयों पर दर्ज किए गए चांद की सतह या निकट सतह के तापमान में अंतर को दर्शाता है। चांद के दक्षिणी ध्रुव पर की गई यह पहली जांच है, जिसे करने वाला भारत पहला देश बन गया है।
यह जानकारी मिली
विक्रम लैंडर पर लगे ChaSTE पेलोड से मिले ग्राफ को इसरो ने शेयर किया है। इसके मुताबिक चंद्रमा की सतह का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस है। वहीं, गहराई में जाने के बाद चंद्रमा की सतह के तापमान में तेजी से गिरावट आती है। ग्राफ पर दर्ज आंकड़ों के मुताबिक 80 मिलीमीटर भीतर जाने पर तापमान में माइन 10 डिग्री तक की गिरावट आ जाती है। इससे ऐसा लगता है कि चंद्रमा की सतह गर्मी को बनाए रखने में सक्षम नहीं है।
पीएम मोदी ने मन की बात में की चर्चा
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का उल्लेख करते हुए रविवार को कहा कि भारत के इस अभियान ने साबित कर दिया है कि संकल्प के कुछ सूरज चांद पर भी उगते हैं। उन्होंने कहा कि यह अभियान नये भारत की उस भावना का प्रतीक बन गया है, जो हर हाल में जीतना चाहता है। 'आकाशवाणी' पर प्रसारित मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की 104वीं कड़ी में अपने विचार साझा करते हुए मोदी ने भारत के चंद्रयान अभियान को नारी-शक्ति का भी जीवंत उदाहरण बताया और कहा कि यह 'सबके प्रयास' से ही संभव हो सका।