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लोक निर्माण विभाग की खर्च सीमा बढ़ी, दो माह में 2200 करोड़ खर्च करेगा विभाग

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भोपाल

विधानसभा चुनाव के पहले मतदाताओं को साधने और विधायकोंं को खुश करने राज्य सरकार ने अगले दो महीनों के लिए लोक निर्माण विभाग के लिए खर्च सीमा बढ़ा दी है। सड़कें चकाचक हो, पुल-पुलियों का निर्माण हो सके इसलिए इन दो महीनों में लोक निर्माण विभाग 22 सौ करोड़ रुपए खर्च कर सकेगा। विधानसभा चुनाव करीब है और नेताओं को मतदाताओं से वोट मांगने उनके घर-घर पहुंचना है।

प्रदेशभर के विधायकों का लोक निर्माण मंत्री पर दबाव है कि उनके  क्षेत्र में नई सड़कें बनाई जाए और पुरानी सड़कों को सुधारा जाए। इसलिए अब सरकार ने अगले दो महीनों के लिए लोक निर्माण विभाग के लिए खजाना खोल दिया है। वित्त विभाग के निर्देश है कि विभागों को आवंटित बजट को त्रैमासिक खर्च सीमा के अंदर ही व्यय किया जाए। लेकिन नवंबर-दिसंबर में चुनावों की आदर्श आचार संहिता लागू होंने से नये काम होंगे नहीं इसलिए राज्य सरकार ने अगस्त औश्र सितंबर में लोक निर्माण विभाग की मासिक व्यय सीमा पुनरीक्षित की है। लोक निर्माण विभाग पंूजीगत व्यय पर अगस्त में 11 सौ करोड़ और सितंबर में 11 सौ करोड़ रुपए खर्च कर सकेगा।

सड़कों की होगी मरम्मत
प्रदेश में बारिश के दौरान सड़कें खराब हो चुकी है। कई क्षेत्रों में सड़कें नहीं है। वहां नई सड़कों का निर्माण होना है। सभी विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में एक बार फिर मतदाताओं के दरवाजे पर पहुंचना है। रहवासियों ने भी चुनाव को देखते हुए खराब सड़कों को लेकर विरोध करना शुरु कर दिया है। कई जगह मोहल्ला समितियां और रहवासी समितियों ने खराब सड़क होंने के कारण मौजूदा विधायकों, जनप्रतिनिधियों को अंदर नहीं घुसने देने का ऐलान तक कर दिया है।

जनप्रतिनिधियों को न करना पड़े नाराजगी का सामना
कई जगह मतदान के बहिष्कार की चेतावनी भी लोग दे रहे है। इसको देखते हुए सरकार भी चाहती है कि उनके जनप्रतिनिधियों को विधानसभा चुनाव के दौरान मतदाताओं की नाराजगी का सामना नहीं करना पड़े इसलिए लोक निर्माण विभाग का मासिक खर्च सीमा बढ़ाकर चुनाव से पहले ही इन क्षेत्रों में सड़क, पुल-पुलियों का काम शुरू करने की कवायद शुरु कर दी गई है।
दो महीनों में लोक निर्माण विभाग 2200 करोड़ रुपए खर्च करेगा।