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2022 में भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें गृह मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ, क्या हैं अन्य के हाल

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नई दिल्ली

बीते साल भ्रष्टाचार की सबसे ज्यादा शिकायतें केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ आईं हैं। इसके बाद रेलवे और बैंक अधिकारियों के खिलाफ शिकायतें मिली हैं। हाल ही में जारी हुई केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है। एक अधिकारी के मुताबिक कि सीवीसी ने शिकायतों की जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारियों को तीन महीने की समय-सीमा दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक साल 2022 में केंद्र सरकार के सभी विभागों और संगठनों में सभी श्रेणियों के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार की कुल 1,15,203 शिकायतें प्राप्त हुईं। इनमें से 85,437 शिकायतों का निपटान किया जा चुका है, जबकि 29,766 शिकायतें लंबित हैं। इनमें से 22,034 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं।

रिपोर्ट के अनुसार गृह मंत्रालय को उसके अधिकारियों के खिलाफ 46,643 शिकायतें मिलीं, वहीं रेलवे को 10,580 शिकायतें और बैंकों को 8,129 शिकायतें मिलीं। गृह मंत्रालय के कर्मियों के खिलाफ कुल शिकायतों में से 23,919 का निपटान कर दिया गया और 22,724 शिकायतें लंबित रहीं, जिनमें से 19,198 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं। वहीं, रेलवे ने 9,663 शिकायतों का निपटारा कर दिया है, जबकि 917 शिकायतें लंबित हैं, जिनमें नौ शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं। बैंकों ने भ्रष्टाचार की 7,762 शिकायतों का निपटारा किया, 367 लंबित थीं, जिनमें 78 शिकायतें तीन महीने से अधिक समय से लंबित थीं।

रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) दिल्ली के कर्मियों के खिलाफ 7,370 शिकायतें दर्ज की गईं, जिनमें से 6,804 शिकायतों का निपटान हो गया और 566 शिकायतें लंबित रहीं जिनमें से 18 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं।

इसके अलावा आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (केंद्रीय लोक निर्माण विभाग समेत), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी), दिल्ली शहरी कला आयोग, हिंदुस्तान प्रीफैब लिमिटेड, आवास एवं शहरी विकास निगम लिमिटेड, एनबीसीसी और एनसीआर योजना बोर्ड के कर्मियों के खिलाफ 4,710 शिकायतें दर्ज की गईं। इनमें से 3,889 शिकायतों का निपटान हुआ जबकि 821 शिकायतें लंबित रहीं और 577 शिकायतें तीन महीने से ज्यादा समय तक लंबित रहीं।