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कुछ बड़े नेताओं को मेरी वेशभूषा और तिलक से चिढ़, CWC में जगह न मिलने पर भड़के आचार्य प्रमोद

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नई दिल्ली
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस कार्य समिति (CWC) में जगह नहीं मिलने पर नाराजगी जताई है। कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने कहा कि पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को उनकी वेशभूषा और तिलक से चिढ़ है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पदभार संभालने के करीब 10 महीने बाद रविवार को CWC का पुनर्गठन किया, जिसमें पार्टी के सीनियर नेताओं को तरजीह दी गई। सचिन पायलट, शशि थरूर और कई अन्य नेताओं को पार्टी की इस सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई में पहली बार स्थान मिला है।

कांग्रेस कार्य समिति के नेताओं की नई लिस्ट में आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम नहीं है। इसे लेकर एक महिला पत्रकार ने ट्वीट (अब एक्स) करके कहा, 'अगर आचार्य प्रमोद को भी CWC में जगह मिलती तो इससे अच्छा संदेश जाता। समझ नहीं आता कि आखिर कांग्रेस क्यों CWC में एक हिंदू संत को जगह नहीं दे रही है?' इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आचार्य प्रमोद ने कहा, 'पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को मेरी वेशभूषा और तिलक से चिढ़ है, जिन्हें मैं इस जन्म में नहीं छोड़ सकता।'

कांग्रेस कार्य समिति में सीनियर नेताओं को तवज्जो
बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति में खरगे के साथ पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पार्टी शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को इसमें स्थान नहीं दिया गया है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति में 39 सदस्य, 32 स्थायी आमंत्रित सदस्य और 13 विशेष आमंत्रित सदस्य (4 पदेन सदस्यों समेत) शामिल किए गए हैं। कांग्रेस के चारों अग्रिम संगठनों-युवा कांग्रेस, एनएसयूआई, महिला कांग्रेस और सेवा दल के प्रमुख कार्यसमिति में पदेन सदस्य होते हैं।

कांग्रेस ने इस साल फरवरी में रायपुर के महाधिवेशन में अपने संविधान में संशोधन किया था, जिसके अनुसार कार्यसमिति के सदस्यों की संख्या 23 से बढ़ाकर 35 कर दी गई थी। कांग्रेस के संविधान में यह प्रावधान भी है कि पार्टी अध्यक्ष, पूर्व अध्यक्ष और पार्टी से संबंधित मौजूदा या पूर्व प्रधानमंत्री कार्यसमिति के स्वत: सदस्य होते हैं। कार्यसमिति में इस बार कांग्रेस शासित किसी राज्य के मुख्यमंत्री को शामिल नहीं किया गया है। पहले सामान्यत: कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों में से वरिष्ठ नेताओं को कार्य समिति में स्थान दिया जाता रहा है। मौजूदा समय में कांग्रेस की 4 राज्यों कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश में सरकारें हैं। इनमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की गिनती पार्टी के बेहद सीनियर नेताओं में होती है।