नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव 2024 (Lok Sabha Election 2024) को लेकर बिगुल बज चुका है और ऐसे में मोदी सरकार ने भी कमर कस ली है। देश में इस समय सबसे बड़ा मुद्दा महंगाई बनी हुई है। ऐसे में मोदी सरकार (Modi government) महंगाई से राहत देने के लिए बड़े फैसले लेने की तैयारी में है। खबर है कि आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) की बढ़ती कीमतों से राहत मिल सकती है। मोदी सरकार पेट्रोल-डीजल (petrol-diesel) पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती कर सकती है। इतना ही नहीं मोदी सरकार गेहूं पर लगने वाले इंपोर्ट ड्यूटी को 40 फीसदी से घटाकर शून्य कर सकती है जिससे देश में सस्ते गेहूं के इंपोर्ट को सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा खाने पकाने के तेल (edible oil) के भी इंपोर्ट ड्यूटी में कमी की जा सकती है।
पीएम मोदी ने दिलाया राहत का भरोसा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों को भरोसा जताया कि महंगाई से राहत दिलाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। ऐसे में पीएम मोदी के संबोधन के बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि केंद्र जल्द ही कई बड़े फैसले लेगी जिससे महंगाई पर लगाम लग सके।
पेट्रोल-डीजल पर फैसला
आम लोगों को राहत दिलाने के लिए केंद्र जल्द ही पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले एक्साइज ड्यूटी में कटौती का ऐलान कर सकती है। केंद्र फिलहाल पेट्रोल पर 19.90 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 15.80 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। ऐसे में अगर पेट्रोल-डीजल पर टैक्स घटता है तो आम लोगों की बड़ी राहत मिलेगी इससे माल ढुलाई की लागत भी कम होगी।
गेहूं और खाद्य तेल पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की संभावना
मोदी सरकार रूस से गेहूं आयात (wheat import) करने पर विचार कर रही है। गेहूं के इंपोर्ट पर 40 फीसदी ड्यूटी का प्रावधान है। सूत्रों के मुताबिक मोदी सरकार इसे शून्य कर सकती है। खाने वाले तेल पर भी इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती के आसार हैं।
कैसे करेगी सरकार भरपाई
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक पेट्रोल-डीजल, गेहूं और खाद्य तेल पर लगने वाले टैक्स कटौती से सरकार के राजस्व में करीब एक लाख करोड़ रुपए की कमी आएगी। ऐसे में सरकार इसे अलग-अलग मंत्रालयों के बजट में कटौती के जरिए पूरा करने पर विचार कर रही है जिससे राजकोषीय घाटे को पूरा करने में कोई दिक्कत न आए।
महंगाई ने बढ़ाई केंद्र की चिंता
जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 7.44 फीसदी के लेवल पर जा पहुंची है जो 15 महीने का उच्च लेवल है। वहीं खाद्य महंगाई दर 11.51 फीसदी रही है जिससे साफ जाहिर है कि आम आदमी पर मंहगाई की मार किस कद्र पड़ी है। मोदी सरकार 2024 में कमबैक की तैयारी में हैं, ऐसे में आम लोगों का वोट पाने के लिए सरकार उनको मंहगाई से राहत दिलाने पर काम कर रही है।