असम
असम सरकार इस साल के अंत तक पूरी तरह से AFSPA हटाने के लिए कदम उठाएगी। राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व सरमा ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार साल के अंत तक पूरे राज्य से आफ्सपा हटाने के लिए जरूरी पहल करेगी। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 अब इस पूर्वोत्तर राज्य के केवल 8 जिलों तक सीमित है। सरमा ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर गुवाहाटी में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल में करीब 8,000 'क्रांतिकारी' मुख्यधारा में लौट आए हैं।
सीएम सरमा ने कहा, 'मैं असम के लोगों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस साल के अंत तक हम असम के हर जिले से आफ्सपा हटाने के लिए सार्थक कदम उठाएंगे। यह असम के इतिहास के लिए अमृतमय समय होगा और हम उस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।' सरमा ने कहा कि तीन दशक से अधिक समय पहले राज्य में यह कानून लागू किया गया था और उसके बाद उसे 62 बार बढ़ाने की सिफारिश की गई। उन्होंने कहा, 'पूर्वोत्तर क्षेत्र अब उग्रवाद से मुक्त है। पिछले तीन साल में असम के क्रांतिकारियों के साथ चार शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।'
1 अप्रैल से अगले 6 महीने के लिए बढ़ा AFSPA
बता दें कि असम सरकार ने आठ जिलों में आफ्सपा के तहत अशांत क्षेत्र अधिसूचना को 1 अप्रैल से अगले 6 महीने के लिए बढ़ा दिया है। आफ्सपा की अवधि को तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चराइदेव, शिवसागर, जोरहाट, गोलाघाट, कार्बी आंगलोंग और दिमा हसाओ में बढ़ाया गया था। यह कानून पहली बार नवंबर 1990 में असम में लागू किया गया था और तब से राज्य सरकार की समीक्षा के बाद इसे हर 6 महीने में बढ़ा दिया जाता है। राज्य से AFSPA हटाने की मांग लंबे समय से उठती रही है। इसे लेकर कई बार विरोध प्रदर्शन भी हुए हैं।
हिमंत विश्व सरमा ने मंगलवार को कहा कि असम सरकार लोगों की सहूलियत के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में 'उप जिला' बनाएगी। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार परिसीमन शुरू होने से पहले खत्म कर दिए जिलों के बारे में भी फैसला करेगी। उन्होंने कहा, 'हमने परिसीमन को हकीकत के रूप में स्वीकार किया है। निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन को तार्किक परिणति तक ले जाने के लिए निकट भविष्य में कई चीजें की जानी हैं। राज्य सरकार अगले एक महीने में प्रशासनिक सुधारों की श्रृंखला शुरू करेगी।'