हिमाचल प्रदेश
हिमाचल प्रदेश में पिछले दो दिनों से कई क्षेत्रों में हो रही भारी बारिश के कारण खूब तबाही मची है। इस कारण ना सिर्फ सड़कें टूटी हैं, बल्कि वाहनों की आवाजाही भी बंद हुई है। अगर बीते 24 घटों से हुए नुकसान की बात करें तो 10 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गए हैं जबकि 70 मकानों को नुकसान हुआ है। मंडी में बादल फटने से व्यापक नुकसान हुआ है। राज्य में 452 सड़कें वाहनों की आवाजाही के लिए ठप हो गई हैं। कई गांवों से बिजली गायब हो चुकी है। 1814 बिजली ट्रांसफार्मर व 59 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं।
सभी स्कूल और कॉलेज बंद
सड़कों के बंद होने और ताजा हालात को देखते हुए शिक्षण संस्थानों को 14 अगस्त के लिए बंद करना पड़ा है। नहरों-नालों में अधिक पानी भरने से भी सड़कें प्रभावित हुई हैं। कई जगह रास्ते चट्टानों के गिरने के कारण बंद हो चुके हैं। पथ परिवहन निगम की 250 के करीब बसें फंसी हुई हैं। मंडी में कई गांव जलमग्न हैं और शिमला, सोलन, बिलासपुर और सिरमौर जैसे जिलों में भूस्खलन के कारण बहुत नुकसान हुआ है। मौसम से अभी भी राहत मिलने वाली नहीं है। ऐसे में 15 अगस्त को भी कई स्थानों पर भारी वर्षा की संभावना है। 10 जिलों में अलर्ट भी जारी कर दिया गया।
7935 मकानों को पहुंचा
मानसून के दौरान 1376 मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो चुके हैं। 7935 घरों को नुकसान पहुंचा है। 270 दुकानों व 2727 गोशालाओं को भी नुकसान हुआ है। 24 जून से 13 अगस्त तक 257 लोगों की मौत हो चुकी है, जबति 290 लोग घायल हुए हैं। मानसून में अभी तक 7020.28 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। राज्य में भूस्खलन की 90 और अचानक बाढ़ की 90 घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
शिमला शहर में जगह-जगह भूस्खलन
लोक निर्माण विभाग ने राज्यमार्ग और संपर्क मार्ग खोलने के लिए 50 करोड़ रुपये की मशीनरियों की खरीद कर रहा है। इसमें डोजर, जेसीबी आदि मशीनें ली जाएंगी। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने इसको लेकर इंजीनियर इन चीफ अजय गुप्ता के साथ समीक्षा बैठक भी की है। शिमला शहर में जगह-जगह भूस्खलन होने और 75 पेड़ गिरने से 15 गाड़ियों को नुकसान हुआ है। कुछ भवन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। जगह-जगह यातायात ठप रहा। हिमलैंड के पास सर्कुलर मार्ग दिनभर बाधित रहा। दूध, ब्रेड और जरूरी सामान की सप्लाई नहीं पहुंची।