नई दिल्ली
विपक्षी दलों और विशेष रूप से पंचायत चुनावों के दौरान हिंसा के लिए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा, जिसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मणिपुर में कार्रवाई न होने पर केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी की तीखी आलोचना की। कोलकाता से 70 किमी दूर स्थित कोलाघाट में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान संसद से बहिर्गमन करने पर विपक्षी दलों पर ‘‘चर्चा से भागने'' का आरोप लगाया और कहा कि उनकी सरकार ने विपक्ष द्वारा देश भर में ‘‘फैलाई जा रही नकारात्मकता'' को पराजित कर दिया है।
प्रधानमंत्री ने हाल में राज्य में हुए पंचायत चुनावों में हिंसा को लेकर टीएमसी पर हमला किया और इसे ‘‘खूनी खेला'' करार दिया, जहां विपक्ष को डराने के लिए ‘‘आतंक फैलाकर और धमकाकर'' जीत हासिल की गई। मोदी ने कहा, ‘‘हाल में, बंगाल में पंचायत चुनाव हुए। पूरे देश ने टीएमसी का खूनी खेल देखा। हिंसा का इस्तेमाल विपक्ष को धमकाने के साधन के रूप में किया गया। टीएमसी ने वोट लूटे। लेकिन इसके बावजूद, बंगाल के लोगों के प्यार से भाजपा उम्मीदवारों की जीत हुई है।''
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ‘‘जो लोग लोकतंत्र के हिमायती होने का दावा करते हैं और इलेक्टॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर सवाल उठाते हैं'' उन्होंने बंगाल में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को ‘‘कमजोर'' कर दिया है। मोदी ने आरोप लगाया, ‘‘टीएमसी ने यह सुनिश्चित करने के लिए सब कुछ किया कि भाजपा उम्मीदवार नामांकन दाखिल न कर सकें। उन्होंने न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं बल्कि मतदाताओं को भी धमकी दी।''
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने मीडिया को एक रिकॉर्डेड संदेश में उनसे बंगाल को बदनाम करने के बजाय सही ‘व्यवहार' करने को कहा। बनर्जी ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री और भाजपा को पश्चिम बंगाल के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने अपनी ही पार्टी के भ्रष्ट नेताओं और चरित्र हनन, महिलाओं पर अत्याचार, पहलवानों पर अत्याचार और मणिपुर में अत्याचार में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की।''