नई दिल्ली
सरकार ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि अंडरग्रेजुएट (यूजी) पाठ्यक्रमों वाले नर्सिंग संस्थानों की संख्या नौ वर्षों में 36 प्रतिशत बढ़ी है। वर्ष 2014 में ऐसे संस्थानों की संख्या 1,641 थी जो इस साल मार्च तक 2,229 हो गई है।
देश में 35.14 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इस अवधि में यूजी सीटों की संख्या भी 83,192 से 40 प्रतिशत बढ़कर 1,16,595 हो गई। इस समय देश में 715 सरकारी संस्थानों सहित 5,203 नर्सिंग संस्थान हैं। उन्होंने कहा कि देश में 35.14 लाख पंजीकृत नर्सिंग कर्मी हैं और प्रति 1,000 जनसंख्या पर 2.06 नर्सों का अनुपात है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग कर्मियों की संख्या बढ़ाने और नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में मांडविया ने कहा कि स्वास्थ्य एजेंसियों ने पांच अगस्त तक आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) योजना के तहत 287 करोड़ रुपये के 1.6 लाख से अधिक दावों पर उचित कार्रवाई की है।
188 अस्पतालों को किया गया निलंबित
राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) या राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा जारी दिशानिर्देशों का अनुपालन न करने वाली गतिविधियों में शामिल होने के कारण 210 अस्पतालों को पैनल से हटा दिया गया है और 188 अस्पतालों को निलंबित कर दिया गया है। 20.71 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसमें से 9.5 करोड़ रुपये की वसूली की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि आठ अगस्त, 2023 तक कुल 44,19,86,761 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अकाउंट (एबीएचए) बनाए गए हैं।
क्यूपी फार्माकेम को उत्पादन बंद करने को कहा गया
सरकार ने लोकसभा को बताया कि पंजाब की फार्मा कंपनी क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड को उत्पादन बंद करने को कहा गया है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लिखित उत्तर में कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मार्शल द्वीप और माइक्रोनेशिया में भारत निर्मित गुइफेनेसिन सिरप के लिए चिकित्सा उत्पाद अलर्ट जारी किया है। डब्ल्यूएचओ के अलर्ट के बाद कंपनी परिसर से एकत्र किए गए सैंपल की गुणवत्ता मानक के अनुसार नहीं पाए जाने के बाद यह कार्रवाई की गई।
2019 से पर्यावरण राहत कोष से कोई मुआवजा नहीं दिया गया
सरकार ने कहा है कि खतरनाक पदार्थों से संबंधित दुर्घटनाओं के पीड़ितों की सहायता के लिए 2008 में स्थापित पर्यावरण राहत कोष से 2019 के बाद से कोई मुआवजा नहीं दिया गया है। केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने गुरुवार को राज्यसभा को बताया कि 31 मार्च, 2023 तक फंड में 1,062 करोड़ रुपये जमा हैं। भोपाल गैस त्रासदी के मद्देनजर सार्वजनिक दायित्व अधिनियम के तहत पर्यावरण राहत कोष को स्थापित किया गया था।