नई दिल्ली। अगर एटीएम से पैसे निकालने के दौरान आपके खाते से पैसे कट गए हैं, लेकिन मशीन से राशि नहीं निकली है, तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। यह दो वजहों से हो सकता है, पहला यह कि एटीएम में कोई तकनीकी खामी हो या दूसरा कि आप किसी धोखा-धड़ी का शिकार हो गए हों। दोनों ही स्थितियों में आपको अपने बैंक की शाखा में शिकायत दर्ज करानी होगी। घोखा-धड़ी के मामले में आपको अपने पैसे वापस पाने के लिए निश्चित प्रक्रिया का पालन करना होगा। मगर, यदि तकनीकी खामी की वजह से एटीएम से कैश नहीं निकलता है, तो आपको जितने पैसे का नुकसान हुआ है, उसकी भरपाई करने के लिए बैंक जिम्मेदार होगा। अगर बैंक आरबीआई की गाइडलाइन्स के तहत तय समय सीमा में आपकी शिकायत का समाधान नहीं करता है, तो उन्हें आपको अतिरिक्त राशि भी देनी होगी। आरबीआई ने एटीएम की गड़बड़ी होने के मामले में समाधान के लिए बैंकों की समय सीमा को परिभाषित किया है। बैंक सेवाओं के लिए आरबीआई के मास्टर सर्कुलर के अनुसार, ऋणदाता को कार्ड धारकों को ऐसे विफल लेनदेन में शामिल राशि की प्रतिपूर्ति में उचित लगना चाहिए। नुकसान और मामले की मात्रा के आधार पर, असफल लेनदेन के मामले को हल करने के लिए अधिकतम समय में 50 दिन लग सकते हैं। मगर, आरबीआई ने विभिन्न मैकेनिज्म को लाकर ऐसे मामलों में तेजी से और कुशल समाधान सुनिश्चित किया है। ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि ऐसी स्थिति का सामना करने पर वे तत्काल या 24 घंटे के अंदर बैंक को इसकी सूचना दें। यह आपकी सुरक्षा के लिए है। आप बैंक की हेल्पलाइन पर या ब्रांच में जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर, सात कार्य दिवस के भीतर ग्राहक को पैसा वापस करने में बैंक असफल होते हैं, तो उन्हें हर दिन के हिसाब से 100 रुपए का मुआवजा ग्राहक को देना होगा। यह हर्जाना ग्राहक के खाते में अपने आप बिना किसी दावे के जमा किया जाएगा। हालांकि, यहां यह ध्यान देने की जरूरत है कि ग्राहक को यह मुआवजा तभी मिलेगा, जब लेन-देन की तारीख के 30 दिनों के अंदर ग्राहक ने जारीकर्ता बैंक में क्लेम किया होगा।