Home मध्यप्रदेश प्रधानमंत्री मोदी ने रखी रविदास मंदिर की नींव, बोले- अतीत से सबक...

प्रधानमंत्री मोदी ने रखी रविदास मंदिर की नींव, बोले- अतीत से सबक लेकर विरासत को बढ़ाएं

4

सागर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सागर के बड़तूमा में 100 करोड़ की लागत से बनने वाले संत शिरोमणि रविदास जी के भव्य मंदिर एवं स्मारक के निर्माण कार्य का भूमिपूजन किया। उन्होने कहा एक डेढ़ साल बाद वो इस मंदिर के लोकार्पण के लिए भी जरुर आएंगे और संत रविदास जी उन्हे यहां दुबारा आने का मौका देने ही वाले हैं। इस तरह उन्होने संकेत में 2024 लोकसभा चुनाव में विजय प्राप्त करने का भरोसा भी जताया।

इस अवसर पर पीएम ने बुंदेलखंड को 44 हजार करोड़ की केन-बेतवा लिंक परियोजना का का उपहार दिया है। इस परियोजना से बुंदलेखंड की 20 लाख एकड़ भूमि सिंचित होगी। इस मौके पर उन्होने कहा कि आजादी के अमृतकाल में देश को गरीब और भूख से मुक्त करने का प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में महामहिम राज्यपाल मंगुभाई पटेल,  सीएम शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, वीरेंद्र खटीक, प्रहलाद पटेल सहित मध्य प्रदेश के कई मंत्री और सांसद उपस्थित थे।

सामाजिक समरसता के नए युग की शुरुआत

पीएम मोदी ने कहा कि प्रेरणा और प्रगति जब एक साथ जुड़ते हैं तो एक नए युग की नींव पड़ती है। आज हमारा देश और हमारा मध्य प्रदेश इसी ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। इसी क्रम में आज यहां कोटा-बीना सेक्शन पर रेल मार्ग के दोहरीकरण का भी लोकार्पण किया गया है। नेशनल हाइवे पर दो महत्वपूर्ण मार्गों का शिलान्यास किया गया। विकास के काम सागर और आसपास के लोगों को बेहतर सुविधा देंगे। उन्होने कहा कि संत रविदास स्मारक और संग्रहालय की नींव ऐसे समय में पड़ी है, जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। अब अगले 25 वर्षों का अमृतकाल हमारे सामने है।

प्रधानमंत्री के भाषण की बड़ी बातें…

  •     रविदास जी ने अपने दोहे में कहा- ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिलै सबन को अन्न, छोट बड़ों सब से, रैदास रहें प्रसन्न। आजादी के अमृतकाल में हम देश को गरीबी-भूख से मुक्त करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
  •     कोरोना के दौर में पूरी दुनिया की व्यवस्थाएं चरमरा गईं। गरीब-दलित के लिए हर कोई आशंका जता रहा था। कहा जा रहा था कि 100 साल बाद इतनी बड़ी आपदा आई है। मैंने कहा था कि किसी को भी खाली पेट सोने नहीं दूंगा। मैं भली-भांति जानता हूं कि भूखे रहने की तकलीफ क्या होती है।
  •     हमारे प्रयासों की तारीफ पूरी दुनिया में हो रही है। देश में गरीब कल्याण की जितनी भी योजनाएं चल रही हैं, उनका लाभ दलित-आदिवासी-पिछड़े समाज को हो रहा है। पहले योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं।
  •     कोई भी दलित, वंचित बिना घर के ना रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास भी दिए जा रहे हैं। जल-बिजली कनेक्शन भी मुफ्त दिया गया है। आज एससी-एसटी समाज के लोग खुद अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं।
  •     सागर के नाम में ही सागर (समुद्र) है। सागर से लाखा बंजारा का नाम भी जुड़ा है। उन्होंने पानी की जरूरत समझी और इसके लिए काम किया। आज पिछड़े-आदिवासी क्षेत्रों में पानी पहुंच रहा है। हम लाखा बंजारा की योजना आगे बढ़ा रहे हैं।
  •     आदिवासी-दलित-पिछड़े वर्ग के लोगों ने राष्ट्र के विकास में भूमिका निभाई है। बाबा साहब से जुड़े स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित करने का बीड़ा उठाया है। एक स्टेशन का नाम टंट्या मामा के नाम पर किया है। आज आदिवासियों को वो सम्मान मिल रहा है, जिसके वो हकदार थे। मुझे विश्वास है कि संत रविदास की शिक्षाएं एकजुट करती रहेंगी।

100 करोड़ की लागत से बनेगा मंदिर-स्मारक
संत रविदास मंदिर-स्मारक 11.29 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना है। इसकी दीवारों पर संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी। पूरा प्रोजेक्ट नागर शैली में होगा। कला वीथिका बनेगी। भक्त निवास के साथ कई अन्य चीजें भी बनेंगी।

53 हजार गांवों से मिट्टी और 350 नदियों का जल लाया जा रहा
8 फरवरी को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर और स्मारक निर्माण की घोषणा की थी। संत रविदास मंदिर के लिए पूरे प्रदेश के 53 हजार गांवों से मिट्टी और 350 नदियों का जल लाया जा रहा है। मध्य प्रदेश में इस साल आखिर में विधानसभा चुनाव हैं। बीते 5 महीने में पीएम मोदी पांच बार राज्य का दौरा कर चुके हैं।

 

पीएम ने कहा ‘मंदिर का लोकार्पण करने भी आऊंगा’

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज सागर में समरसता का महासागर उमड़ा है। इसे और समृद्ध करने के लिए आज भव्य मंदिर एवं स्मारक की नींव पड़ी है। उन्होने कहा कि मेरे लिए ये दोहरी खुशी का अवसर है और पूज्य संत रविदास जी के आशीर्वाद से कहता हूं कि जब मंदिर बन जाएगा तो इसके लोकार्पण के लिए अवश्य आऊंगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी मुझे यहां दुबारा आने का मौका जरुर देंगे। उन्होने कहा कि इस मंदिर और स्मारक में भव्यता भी होगी और दिव्यता भी होगी।

समरसता की भावना से ओतप्रोत 20 हजार से गांवों की, 300 से ज्यादा नदियों की मिट्टी इस स्मारक का हिस्सा बनी है। मध्य प्रदेश के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक एक मुट्ठी अ्नाज भी भेजा है। जो पांच समरसता यात्रा चल रही थी, आज उनका भी सागर की धरती पर समागम हुआ है। यहां से सामाजिक समरसता के एक नए युग की शुरुआत हुई है। उन्होने कहा कि इस कार्य के लिए मैं मध्य प्रदेश सरकार और सीएम शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन करता हूं।

बीजेपी हमेशा हर वर्ग के साथ है

इस मौके पर बिना कांग्रेस का नाम लिए पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों के समय में जो योजनाएं आती थी वो चुनावी मौसम के हिसाब से आती थी, लेकिन हमारा प्रयास है दलित, आदिवासी, वंचित, गरीब, महिलाओं सभी के साथ खड़े रहें और उनकी आशाओं-आकांक्षाओं को सहारा दें। उन्होने बीजेपी सरकार की विभिन्न योजनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि हम हर वर्ग के साथ हर समय पूरी मजबूती के साथ खड़े हैं।

उन्होने कहा कि सागर एक ऐसा जिला है जिसके नाम में तो सागर है ही लेकिन इसकी पहचान लाखा बंजारा झील से भी होती है। दलित बस्तियों, पिछड़े इलाकों, आदिवासी क्षेत्रों में हम पानी पहुंचाने का काम कर रहे हैं। हर जिले में अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं। ये सामाजिक समरसता का केंद्र बनेंगे। आज हर वर्ग को उचित सम्मान और नए अवसर देने के लिए बीजेपी सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होने कहा कि न इस समाज के लोग कमजोर हैं न इनका इतिहास कमजोर है। आज इनकी विरासत तो गर्व के साथ सहेजा जा रहा है। उन्होने कहा कि संत शिरोमणि रविदास सहित आदिवासी और दलित समाज के अन्य सभी नायकों का नाम अमर रहे इसके लिए हम विभिन्न स्थानों का नामकरण उनके नाम पर कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के विकास की यात्रा में संत रविदास की शिक्षाएं हमें एकजुट करती रहेगी। हम सब मिलकर भारत को विकसित राष्ट्र बनाएंगे, ये संकल्प मिलकर दोहराते हैं।

 

बीते 5 महीने में मोदी 5वीं बार मध्य प्रदेश आए

1 अप्रैल (भोपाल): पीएम ने भोपाल-दिल्ली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई।
25 अप्रैल (रीवा): पंचायती राज सम्मेलन में शामिल हुए। वे यहां 31 मिनट बोले। मोदी ने 2300 करोड़ के रेल प्रोजेक्ट्स और 7853 करोड़ रुपए की 5 नल-जल योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। तीन ट्रेनों को वर्चुअली हरी झंडी दिखाई।
27 जून (भोपाल): भोपाल-जबलपुर और भोपाल-इंदौर वंदे भारत को हरी झंडी दिखाई।
1 जुलाई (शहडोल): राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन 2047 लॉन्च किया। साथ ही एक क्लिक से साढ़े 3 करोड़ हितग्राहियों को डिजिटल आयुष्मान कार्ड बांटे।
12 अगस्त (सागर): संत रविदास मंदिर और स्मारक की आधारशिला रखी।