इंदौर
मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी चोइथराम सब्जी मंडी में महाराष्ट्र से नए टमाटर की आवक शुरू हो गई है. आवक शुरू होने से टमाटर के दाम 10 से 20 फीसदी तक कम हो गए हैं. जो टमाटर पहले 150 और 180 रुपये प्रति किलो तक बिक रहे थे, वह अब 100 से 120 रुपये प्रति किलो तक आ गया है. नई फसल के आने के बाद आम आदमी ने पिछले कुछ दिनों से चली आ रही टमाटर की महंगाई से थोड़ी राहत की सांस ली है. आने वाले दिनों में टमाटर के दाम और कम होने की उम्मीद है.
गौरतलब है कि पिछले चार सप्ताह से टमाटर के दाम आसमान छू रहे हैं. समूचे देश की बात की जाए तो टमाटर ₹300 किलो तक भी बिका है. ऐसे में आम आदमी की थाली से टमाटर का स्वाद पूरी तरह से गायब हो गया था. मध्य प्रदेश के इंदौर में चोइथराम सब्जी मंडी में महाराष्ट्र से नए टमाटर की आवक धीरे धीरे शुरू हो रही है. दरअसल महाराष्ट्र में टमाटर की नई फसल आ गई है, जिसके बाद महाराष्ट्र से अन्य राज्यों में टमाटर की सप्लाई शुरू हो रही है. चूंकि इंदौर महाराष्ट्र के सबसे नजदीक है, इसलिए यहां महाराष्ट्र से बड़ी संख्या में सब्जियों की आवक होती है.
टमाटर 25 फीसदी तक हुआ सस्ता
इंदौर में ज्यादातर औरंगाबाद और उसके आसपास के क्षेत्र से टमाटर आता है. जो यहां से छोटी छोटी मण्डियों में सप्लाई किया जाता है. टमाटर की आवक होने से अब उसके दाम कम होने लगे हैं और करीब 25 फीसदी तक दाम कम हुए भी हैं. यानी जो टमाटर 150 से 180 रुपये प्रति किलो तक इंदौर में बिका था, वह अब 120 से 150 रुपये के बीच आ गया है. वही हल्की क्वालिटी का टमाटर 100 रुपये प्रति किलो तक भी बिक रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि आम आदमी को टमाटर की महंगाई से थोड़ी सी राहत मिली है.
कृषि मंत्री ने महंगे टमाटर के लिए मौसम को बताया जिम्मेदार
महंगे टमाटर को लेकर बीते कुछ दिनों से प्रदेश में सियासत तेज हो गई थी. इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस लगातार बीजेपी पर हावी रही. बीजेपी की मध्य प्रदेश और केंद्र दोनों जगह पर सरकार है, ऐसे में टमाटर को लेकर कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी के मंत्रियों और मुख्यमंत्री तक का घेराव किया. जिसके बाद प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि टमाटर के दाम कम होंगे, इसके लिए कुछ समय रुकना होगा. उन्होंने टमाटर की महंगी कीमतों के मौसम को जिम्मेदार बताते हुए कहा कि किसान का टमाटर खेत में ही खराब हो गया, इसलिए मंडी में महंगे दामों में टमाटर मिल रहा है और ये सारा मामला मांग और पूर्ति के अनुसार चलता है.