Home राजनीति अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष पर बरसे अमित शाह; भाषण की बड़ी बातें

अविश्वास प्रस्ताव पर विपक्ष पर बरसे अमित शाह; भाषण की बड़ी बातें

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नईदिल्ली

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बुधवार को बहस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और उसकी पिछली सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने सदन में कांग्रेस की पिछली सरकारों के दौरान हुए भ्रष्टाचार को गिनवाए। अमित शाह ने अपने भाषण के कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों के दौरान भारतीय राजनीति में तीन नासूर थे – भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण।

शाह ने साधा राहुल पर निशाना

राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा, 'इस सदन में ऐसे नेता हैं जिन्हें 13 बार राजनीति में लॉन्च किया गया है। वो 13 बार फेल भी हुए। उनकी एक लॉन्चिंग मैंने देखी है, उनकी एक लॉन्चिंग सदन में हुई है।'

शाह ने अधीर रंजन की ली चुटकी

अमित शाह ने लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी पर जबरदस्त चुटकी ली। शाह ने कहा कि आपकी पार्टी ने टाइम नहीं दिया है तो क्यों बार-बार खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि आपकी पार्टी ने टाइम नहीं दिया है तो हमारे कोटे से ले लीजिए। इतना ही नहीं, शाह ने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्ललाद जोशी से कहा कि आपको आपत्ति नहीं हो तो हमारे समय में से 30 मिनट दे दीजिए।

शाह बोले- PFI पर लगाया प्रतिबंध

मोदी सरकार की ओर से उठाए गए आंतरिक सुरक्षा उपायों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'हमने देश में पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया और देश में 90 से अधिक स्थानों पर छापे मारे। लंदन, ओटावा और सैन फ्रांसिस्को में हमारे दूतावसों पर हमलों से संबंधित मामले एनआईए को सौंप दिए गए। 26/11 तहव्वुर हुसैन राणा को भी जल्द ही भारत में न्यायपालिका का सामना करना पड़ेगा।'

अमित शाह ने नीतीश कुमार पर बोला हमला

अमित शाह ने कहा कि हम जब गरीबों के लिए जनधन योजना लेकर आए तो नीतीश कुमार ने हमारा मजाक उड़ाया। नीतीश ने कहा कि अकाउंट तो खोल दिया, अंदर क्या डालेंगे, बोहनी तो कराओ। उन्होंने कहा, 'नीतीश बाबू, आज मेरी बात सुन लीजिए। 49 करोड़ 64 लाख बैंक खाते खोले, जिनमें 2 लाख करोड़ गरीबों के जमा हुए हैं। केंद्र-राज्य सरकार की 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा डायरेक्ट इन खातों में ट्रांसफर होता है। ये लोग जनधन योजना का विरोध क्यों कर रहे थे, ये भी समझने वाली बात है।'

1. आजादी के बाद मोदी सबसे लोकप्रिय पीएम
अब तक लोकसभा में 27 अविश्वास और 11 विश्वास प्रस्ताव आ चुके हैं। पीएम मोदी और मंत्रिमंडल के प्रति किसी को अविश्वास नहीं है। इसका उद्देश्य  सिर्फ जनता में भ्रांति पैदा करना है। सरकार अल्पमत में होने का मतलब ही नहीं है। यह अविश्वास प्रस्ताव सिर्फ भ्रांति पैदा करने के लिए लाया गया है। मैं देशभर में घूमता हूं, जनता के साथ कई जगहों पर संवाद किया है। जनता के बीच इस सरकार को लेकर कहीं से कोई अविश्वास नहीं है। आजादी के बाद किसी सरकार में जनता का सबसे अधिक विश्वास है नरेंद्र मोदी की सरकार में है। दो बार दो-तिहाई बहुमत सरकार बनी है और आजादी के बाद सबसे अधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्री कोई है तो नरेंद्र मोदी हैं और मैं ये नहीं कहा रहा है पूरी दुनिया कह रही है।  9 साल में पीएम ने 50 से ज्यादा ऐसे फैसले लिए जो युगों तक याद रखें जाएंगे।

2. भारतीय राजनीति के तीन नासूर
9 अगस्त के दिन को महात्मा गांधी ने अंग्रेजो भारत छोड़ो का नारा दिया था। भारतीय राजनीति को तीन नासूर हैं- भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टीकरण। पीएम मोदी ने इसे दूर किया, उन्होंने आज नारा दिया है भ्रष्टाचार क्विट इंडिया, परिवारवाद क्विट इंडिया, तुष्टीकरण क्विट इंडिया।

3. तीन प्रस्तावों का जिक्र करूंगा
अविश्वास प्रस्ताव से गठबंधन के चेहरे उजागर होते हैं। आज दो अविश्वास प्रस्तावों और एक विश्वास प्रस्ताव का जिक्र करूंगा। वर्ष 1993 में कांग्रेस की नरसिम्हा राव सरकार थी और उसके खिलाफ प्रस्ताव आया। नरसिम्हा राव को सरकार किसी भी तरह सत्ता में बने रहना था। सरकार अविश्वास प्रस्ताव जीत गई, लेकिन बाद में कई लोगों को जेल हुई,  क्योंकि जेएमएम को घूस देकर प्रस्ताव पर विजय प्राप्त की गई थी। आज कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा साथ हैं।

2008 में मनमोहन सरकार विश्वास प्रस्ताव लेकर आई क्योंकि ऐसा माहौल था कि इनके पास बहुमत नहीं है और बहुमत था भी नहीं। उस वक्त सबसे कलंकित घटना देखी गई, सांसदों को करोड़ों रुपये की घूस दी गई। हालांकि, तब सरकार को बचा लिया गया था। यूपीए का चरित्र यह है कि अविश्वास प्रस्ताव आए या विश्वास प्रस्ताव लाना पड़े, इससे बचने के लिए सारे सिद्धांत, चरित्र, कानून और परंपरा को त्याग सत्ता को संभालना होता है।

अटल जी की सरकार थी, हमारी सरकार थी और उसके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आया। कांग्रेस ने जो किया, वह हम भी कर सकते थे। घूस देके सरकार बचा सकते थे, लेकिन हमने ऐसा नहीं किया। अटल जी ने अपनी बात रखी और कहा कि संसद का जो फैसला है वह माना जाए। इसके बाद सिर्फ एक वोट से सरकार चली गई। UPA की तरह हम भी सरकार बचा सकते थे, लेकिन कई बार ऐसे प्रस्ताव के वक्त गठबंधनों का चरित्र उजागर होता है। परिणाम क्या हुआ? फिर बहुमत से अटल जी की सरकार आई।

4. कर्ज माफ नहीं करते, घर-शौचालय देते हैं
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने गरीबी हटाओ का नारा दिया, लेकिन  गरीबी जस की तस रही। प्रधानमंत्री मोदी ने इस समस्या को अच्छी तरह समझा क्योंकि उन्होंने खुद गरीबी देखी थी। 9 साल के शासनकाल में 11 करोड़ से ज्यादा परिवारों को शौचालय मिला। हर घर जल योजना से 12 करोड़ से ज्यादा लोगों के घर तक पानी पहुंचाया। कांग्रेस कर्ज माफ करने का लॉलीपॉप देती थी, लेकिन हम किसी का कर्ज माफ करने में विश्वास नहीं करते हैं। उसको कर्ज ही नहीं लेना पड़े ऐसी व्यवस्था करते हैं। साढ़े 14 करोड़ किसानों को 2.40 लाख करोड़ रुपये उनके बैंक अकाउंट में डाला।

5. नीतीश पर हमला
अमित शाह ने कहा कि हम जब गरीबों के लिए जनधन योजना लेकर आए तो नीतीश कुमार ने हमारा मजाक उड़ाया। कहा कि अकाउंट तो खोल दिया, अंदर क्या डालेंगे, बोहनी तो कराओ। नीतीश बाबू, आज मेरी बात सुन लीजिए। 49 करोड़ 64 लाख बैंक खाते खोले, जिनमें 2 लाख करोड़ गरीबों के जमा हुए हैं। केंद्र-राज्य सरकार की 300 से ज्यादा योजनाओं का पैसा डायरेक्ट इन खातों में ट्रांसफर होता है। ये लोग जनधन योजना का विरोध क्यों कर रहे थे ये भी समझने वाली बात है। इनके एक प्रधानमंत्री  रहे (राजीव गांधी) नेता ने कहा था कि मैं दिल्ली से 1 रुपया भेजता हूं, लेकिन 15 पैसे ही पहुंचते हैं। उन्होंने ये बात कबूल की क्योंकि सच्चे आदमी थे और राजनीति में नए-नए आए थे। ये 85 पैसा वही लोग ले जाते थे, जो जनधन का विरोध कर रहे थे।

6. नाम लिए बिना राहुल पर तंज
इस सदन में एक नेता हैं जो 13 बार लॉन्च किए गए और हर बार उनकी लॉन्चिंग फेल हुई। वह बुंदेलखंड की बहन कलावती के घर भोजन करने गए थे और उनकी गरीबी का दारुण जिक्र इसी संदन में हुआ था। उनकी सरकार 6 साल चली, उस कलावती को क्या घर, बिजली और अनाज क्या कांग्रेस ने दिया? हमारी सरकारी ने कलावती को घर, बिजली और अनाज दिया।

7. मोदी वैक्सीन-मोदी वैक्सीन
कोरोना आया पीएम ने पक्ष-विपक्ष को छोड़कर लड़ाई की शुरुआत हुई। जब वैक्सीन आई और उनको लगा कि ये देश बच जाएगा, तो मोदी वैक्सीन-मोदी वैक्सीन बोलने लगे। अखिलेश यादव और राहुल गांधी ने जनता से कहा कि ये मोदी वैक्सीन है मत लेना, लेकिन जनता ने मोदी पर विश्वास जताया और सभी डोजें लगवाईं। लॉकडाउन का भी विरोध किया गया था, विरोधी पार्टियों ने कहा कि लॉकडाउन लग जाएगा तो गरीब क्या खाएगा। हमने लॉकडाउन भी लगाया और गरीब को भूखा भी नहीं रखा। 80 करोड़ लोगों को फ्री गेहूं दिए। विरोधी पार्टियों को मोदी में अविश्वास हो सकता है, लेकिन देश की जनता को नहीं।  

8. आतंकियों का खात्मा किया 
आंतरिक और वाह्य सुरक्षा मजबूत होने का जिक्र करते हुए अमित शाह ने कहा कि यूपीए सरकार में सरहद पार से आतंकी घुसते थे और जवानों के सिर काटकर ले जाते थे। कोई उनको जवाब नहीं देता था। हमारे समय में भी दो बार पाकिस्तान ने हिमाकत की और दोनों बार उनके घर में घुसकर आतंकियों का खात्मा किया। पीएफआई देश को भीतर से खोखला कर रहा था, हमने उसे बैन किया और देशभर में एक साथ कार्रवाई की।

9. अधीर रंजन पर ली चुटकी
चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बार-बार कुछ बोलने के लिए खड़े हो जा रहे थे तो अमित शाह ने उनपर चुटकी ली और कहा कि नहीं अभी आप नहीं बोल सकते हो, नियम आपको मालूम है। नियम पढ़ लीजिए। आपकी पार्टी ने आपका नाम और नंबर ही बोलने वालों की लिस्ट में नहीं रखा है तो क्यों खड़े हो-होकर बोलते हैं। अब बैठ जाइए। इसके थोड़ी देर बात अधीर रंजन फिर कुछ बोलने के लिए खड़े हो गए तो गृह मंत्री ने कहा कि आपकी पार्टी ने टाइम नहीं दिया है तो हमारे कोटे से ले लीजिए। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्री प्रह्ललाद जोशी से कहा कि आपको आपत्ति नहीं हो तो हमारे समय में से 10 मिनट अधीर जी को दे दीजिए।