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चीन का ‘ट्राएंगल ऑफ डेथ’ क्या है… क्या बांग्लादेश और श्रीलंका करेंगे इसे काउंटर करने में भारत की मदद?

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चीन
 भारत को घेरने के लिए चीन ने 'ट्राएंगल ऑफ डेथ' बनाकर रखा है और चीन के 'ट्राएंगल ऑफ डेथ' में तीन बंदरगाह हैं, जो भारत के लिए मुसीबत बन सकते हैं और इसे काउंटर करने के लिए बांग्लादेश और श्रीलंका ही भारत की मदद कर सकते हैं, लेकिन क्या वो ऐसा करेंगे? दक्षिण एशिया के लिए चीन का प्लान दशकों पहले तैयार हुआ था और अपने प्लान के तहत ही चीन ने भारत पर डायरेक्ट अटैक करने के लिए तीन बंदरगाहों का कंट्रोल अपनी हाथों में ले लिया और यही तीन बंदरगाह, 'ट्राएंगल ऑफ डेथ' हैं। ये तीन बंदरगाह हैं, बांग्लादेश का चटगांव बंदरगाह, श्रीलंका का हंबनटोटा बंदरगाह और पाकिस्तान का ग्वादर बंदरगाह और इसे ही 'ट्राएंगल ऑफ डेथ' यानि 'मौत का त्रिकोण' कहा जाता है।

भारत की परेशानी है 'ट्राएंगल ऑफ डेथ'
भारत हिन्द महासागर में किसी भी तरह से अपना प्रभुत्व बनाकर रखना चाहता है, लिहाजा भारत ने चीन के 'ट्राएंगल ऑफ डेथ' को काउंटर करने के लिए काफी तेज कोशिशें शुरू कर दी है। अपनी इसी कोशिश के तहत चीन, हिन्द महासागर क्षेत्र में ऊर्जा और सैन्य हार्डवेयर सौदों के जरिए बांग्लादेश और श्रीलंका के साथ अपने संबंधों को मजबूत कर रहा है। वहीं, भारत ने बिजली, समुद्री और कनेक्टिविटी संबंध भी इन देशों के साथ मजबूत करने शुरू कर दिए हैं।