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दर्दनाक : भीलवाड़ा में पीड़िता की चिता में पिता ने कूदने की कोशिश

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भीलवाड़ा

भीलवाड़ा में लड़की के साथ गैंगरेप कर भट्टी में झोंकने की घटना के 6 दिन बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के दौरान लड़की के पिता ने चिता में कूदने की कोशिश की. लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पकड़ लिया. वह लोगों से बार-बार बस यही बोल रहे थे कि हंसते-खेलते घर से निकली थी. अंतिम बार बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाया.

राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के नरसिंहपुरा गांव में सामूहिक दुष्कर्म एवं हत्या की शिकार हुई किशोरी का सोमवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. लेकिन उस समय वहां आंखों में आंसू ला देने वाला मंजर देखने को मिला. दरअसल, बेटी के अंतिम संस्कार के दौरान पिता बेचैन हो गए. उन्होंने पीड़िता की चिता में कूदने की कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद लोगों ने उन्हें पकड़ लिया.

इस दौरान उनका बीपी लो हो गया. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. नाबालिग के पिता लोगों से बोल रहे थे कि हंसते-खेलते घर से निकली थी. अंतिम बार बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाया. बेटी के लिए पिता का ऐसा प्यार देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों में आंसू आ गए.

इस मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. रविवार को प्रशासन एवं पुलिस के साथ इस मामले को लेकर धरना दे रहे लोगों की सहमति बन जाने के बाद धरना समाप्त कर दिया और देर रात तीन बजे महात्मा गांधी अस्पताल में बालिका के क्षत विक्षत शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया.

सोमवार को शव गांव पहुंचा और प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी, गुर्जर समाज के लोगों की मौजूदगी में बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें, इस मामले की जांच के लिए भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पार्टी की महिला सांसदों की चार सदस्यीय समिति बनाई है. इस समिति में सांसद सरोज पांडेय को संयोजक बनाया गया है. रेखा वर्मा, कान्ता कर्दम और लॉकेट चटर्जी इसकी सदस्य होंगी. यह जांच समिति घटनास्थल का दौरा कर अपनी रिपोर्ट जेपी नड्डा को सौंपेगी.

क्या है पूरा मामला ?

उल्लेखनीय है कि भीलवाड़ा में 14 साल की लड़की खेत पर बकरियां चराने गई थी. दोपहर के समय खेत के पास ही कोयला भट्टी चलाने वाले 21 साल के तसवारिया गांव के कान्हा और 25 साल के कालू ने बच्ची से गैंगरेप किया. इसके बाद आरोपियों ने बच्ची के सिर पर वार कर दिया था, जिससे बच्ची बेहोश हो गई. इसके बाद आरोपियों ने बच्ची को मरा समझकर आरोपियों ने कोयला भट्टी खोलकर उसमें डाल दिया और आग लगा दी थी.

रात 11 बजे के बाद आरोपियों ने जब भट्टी खोलकर देखी तो उसमें बच्ची का पूरा शरीर जला नहीं था. सिर और छाती का कुछ भाग रह गया था. उन हिस्सों को आरोपियों ने एक थैले में रखा और घटनास्थल से 100- 200 मीटर दूरी पर एक तालाब में फेंक दिया था.

रात को 12:30 बजे परिजन जब बच्ची को ढूंढ़ते हुए पहुंचे तो उन्हें एक जगह बच्ची की चप्पलें दिखाई दीं. इसके बाद जब भट्टी में देखा तो उसमें बच्ची का हाथ का कंगन और पंजे की हड्डियां मिलीं. गैंगरेप के बाद बच्ची की हत्या कर भट्टी में झोंका था या उसे जिंदा ही भट्टी में झोंक दिया, फिलहाल यह अभी स्पष्ट नहीं है.

आरोपियों की पत्नियां व परिजन भी शव को ठिकाने लगाने में शामिल थे

एसपी आदर्श सिधू ने बताया कि आरोपियों में से जिन्होंने बच्ची के साथ गैंगरेप किया था, उनकी पत्नियां और उनके परिजन भी शव को ठिकाने लगाने में शामिल थे. अन्य आरोपियों को भी पुलिस जल्द गिरफ्तार कर लेगी.

एसपी ने कहा कि एफएसएल जांच और अन्य साइंटिफिक जांच के आधार पर पुलिस इस मामले को केस ऑफिसर स्कीम के तहत शीघ्र फास्ट्रैक कोर्ट में चालान पेश कर आरोपियों को सजा दिलाने की कोशिश करेगी. इस मामले में लापरवाही के आरोप में एक एएसआई को भी सस्पेंड किया है.