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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति के फिर से चुनाव लड़ने का सपना टूटा, एंटी-इंडिया स्टैंड के लिए कुख्यात थे यामीन

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मालदीव
मालदीव में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं और चुनाव से पहले भारत विरोधी पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन का फिर से चुनाव लड़ने का सपना टूट गया है और भ्रष्टाचार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक, मालदीव की सर्वोच्च अदालत ने रविवार को जेल में बंद, देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मांग की थी, कि उन्हें अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए योग्य ठहराय जाए।

 अब्दुल्ला यामीन के वकीलों ने देश की सर्वोच्च अदालत में तर्क दिया था, कि पूर्व नेता को चुनाव में खड़े होने के योग्य ठहराया जाना चाहिए, क्योंकि जिस भ्रष्टाचार के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था, वह उच्च न्यायालय में अपील के अधीन है और संभावना है कि इसे पलट दिया जाएगा। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट की सात सदस्यीय पीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दी। मनी लॉन्ड्रिंग और रिश्वतखोरी का दोषी ठहराए जाने के बाद यामीन, वर्तमान में 11 साल की जेल की सजा काट रहे हैं। मालदीव के संविधान के अनुसार, किसी आपराधिक अपराध के लिए दोषी ठहराया गया व्यक्ति और 12 महीने से ज्यादा जेल की सजा पाने वाला व्यक्ति, सजा पूरी होने के तीन साल बाद तक ना तो चुनाव लड़ सकता है और ना ही, किसी सार्वजनिक पद पर बैठ सकता है। पूर्व राष्ट्रपति हैं अब्दुल्ला यामीन अब्दुल्ला यामीन ने वर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से हारने तक, 2013 से 2018 तक हिंद महासागर द्वीपसमूह राज्य पर शासन किया था, जो अपने उच्च-स्तरीय पर्यटक द्वीपों के लिए जाना जाता है।

मालदीव में चुनाव 9 सितंबर को होने वाला है। आपको बता दें, कि अब्दुल्ला यामीन अपनी एंटी-इंडिया पॉलिसीज के लिए कुख्यात रहे हैं और उनके ही कार्यकाल के दौरान चीन की शह पर, मालदीव में भारत विरोधी कैम्पेन चलाए गये थे, जिसे 'इंडिया ऑउट' नाम दिया गया था। हालांकि, बाद में उन्हें भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी ठहरया गया और 11 सालों की जेल की सजा सुनाई गई थी। अब्दुल्ला यामीन पर आरोप था, कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान अवैध तरीके से जमीन के एक टुकड़े पर रिसॉर्ट बनाने की इजाजद दी थी। आरोप लगा, कि उन्होंने सांसद के पूर्व संसद प्रतिनिधि युसूफ नई को जमीन दिलाया था और इसले लिए 10 लाख डॉलर की रिश्वत ली थी। जिसके बाद कोर्ट ने उन्हें पिछले साल दिसंबर में भ्रष्टाचार का दोषी माना और उन्हें 11 सालों की जेल की सजा सुनाई। इसके साथ ही, अब्दुल्ला यामीन पर 50 लाख डॉलर का जुर्माना भी लगाया गया था। अदालत में उन्हें दो अलग अलग मामलों का दोषी पाया गया था। एक मामला भ्रष्टाचार और दूसरा मामला मनी लॉन्ड्रिंग का था।

अब्दुल्ला यामीन ने अपने कार्यकाल के दौरान चीन के पक्ष में खुलकर काम किया और उनकी वजह से हिंद महासागर में भारत को काफी नुकसान उठाना पड़ा था। हालाकि, उनके चुनाव हारने के बाद इब्राहिम मोहम्मद सोलिह मालदीव के राष्ट्रपति बने, जो भारत समर्थक हैं और अब्दुल्ला यामीन के समय, जो भी भारत विरोधी फैसले लिए गये थे, इब्राहिम मोहम्मद सोलिह उन फैसलों को ठीक कर रहे हैं। माना जा रहा है, कि इब्राहिम मोहम्मद सोलिह इस बार फिर से चुनाव में जीत हासिल कर सकते हैं और इसके लिए भारत लगातार मालदीव को अलग अलग तरह की मदद पहुंचा रहा है।