बेंगलुरु
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम से होने वाली समस्याओं की वजह से सालाना ₹19,725 करोड़ का नुकसान हो रहा है। एक रिसर्च में इसका दावा किया गया है। मशहूर ट्रैफिक एंड मेबिलिटी एक्सपर्ट एमएन श्रीहरि और उनकी टीम द्वारा किए गए एक शोध में कहा गया है कि बेंगलुरु में यातायात में देरी, भीड़भाड़, सिग्नलों के रुकने, समय की हानि, ईंधन की हानि और संबंधित कारकों के कारण बेंगलुरु को प्रति वर्ष ₹19,725 करोड़ का नुकसान हो रहा है।
श्रीहरि, जो परिवहन के लिए कई सरकारों और स्मार्ट शहरों के सलाहकार भी हैं, ने शनिवार को राज्य के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार को ये रिपोर्ट सौंपी है। रिपोर्ट में बेंगलुरु में सड़क यातायात प्रबंधन, सड़क योजनाओं के निर्माण, फ्लाईओवर निर्माण समेत अन्य चीजों की सिफारिशें की गई हैं। बता दें कि इससे पहले डी के शिवकुमार ने बेंगलुरु में यातायात भीड़ के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए 3 अगस्त को नई दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की थी। केंद्र ने आईटी सिटी में भीड़भाड़ कम करने के लिए राज्य सरकार से विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।
शहर में 60 फ्लाईओवर होने के बावजूद, श्रीहरि और उनकी टीम ने पाया कि आईटी हब में सालाना ₹19,725 करोड़ का नुकसान होता है। इसके पीछे के कारणों में सड़कों पर भीड़भाड़, सिग्नलों पर ठहराव, तेज गति से चलने वाली गाड़ियों के लिए धीमी गति से चलने वाले वाहनों का हस्तक्षेप और इन सबकी वजह से ईंधन की हानि, कार्यशील आबादी के समय की हानि होती है, जिसका खामियाजा हरेक साल करीब ₹19,725 करोड़ का होता है।
रिपोर्ट के अनुसार, आईटी क्षेत्र में रोजगार की वृद्धि के परिणामस्वरूप बेंगलुरु में आवास, शिक्षा जैसी सभी संबंधित सुविधाओं में वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप शहर की आबादी में तेजी से वृद्धि होकर यह 1.45 करोड़ हो चुकी है। बेंगलुरू में वाहनों की संख्या भी 1.5 करोड़ के करीब पहुंच गई है। यानी हर व्यक्ति पर शहर में एक गाड़ी है।