जयपुर
राजस्थान विधानसभा चुनाव को को लेकर बीजेपी इस बार हारे हुए प्रत्याशियों पर दाव नहीं लगाएगी। साथ में एक ही सीट पर लगातार जीतने वाले विधायकों के टिकट भी खतरे में पड़ सकते हैं। बीजेपी गुजरात की तर्ज पर नो रिपीट के फाॅर्मूले पर काम कर सकती है। राजस्थान में दर्जन भर सीटें ऐसी ही जहां से बीजेपी प्रत्याशी लगातार तीन बार चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी आलाकमान इस बार पुराने के बजाय नए प्रत्याशियों को मौका दे सकता है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यदि ऐसा होता है तो वसुंधरा राजे समर्थक विधायकों का टिकट खतरे में पड़ सकता है। जयपुर की मालवीय नगर विधानसभा से कालीचरण सर्राफ लगातार चुनाव जीत रहे हैं। वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। विधानसभा चुनाव 2018 में किनारे पर आकर जीत हासिल की थी। माना जा रहा है कि इस बार उनका टिकट खटाई में पड़ सकता है।
इन सीटों पर लगी है बीजेपी की हैट्रिक
राजस्थान में श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, भादरा, रतनगढ़, बीकानेर पूर्व, खंडेला, शाहपुरा, फुलेरा, विद्याधर नगर, मालवीय नगर, सांगानेर, बस्सी, थानागाजी, नदबई और महुवा समेत 52 सीटों पर कांग्रेस की हैट्रिक लग चुकी है। अधिकतर सीटों पर बीजेपी ने जीत की हैट्रिक लगाई है। जबकि कुछ सीटों पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते है। राजनीतिक विश्लेषकों का तर्क है कि इस बार बीजेपी वर्तमान विधायकों के टिकट काट सकती है। बीजेपी के नो रिपीट फाॅर्मूलें से दिग्गजों का पत्ता कट सकता है। राजस्थान में विधानसभा चुनाव साल के अंत में होने है। बीजेपी लगातार गहलोत सरकार पर हमला कर रही है। कानून व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाकर सीधे सीएम गहलोत को निशाने पर ले रही है। बीजेपी के रणनीतिकारों को उम्मीद है कि इस बार कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं होगी। हालांकि, सीएम अशोक गहलोत का दावा है कि इस बार उनकी सरकार रिपीट होगी। सीएम गहलोत के मुताबिक, इस बार सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं का लाभ मिलेगा। फ्री मोबाइल योजना, मुफ्त में इलाज और 500 रुपये में गैस सिलेंडर देना का फायदा मिलेगा। जबकि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी कहते रहे हैं कि गहलोत सरकार के करप्शन और बिगड़ी कानून व्यवस्था से जनता नाराज है। इस बार राजस्थान में बीजेपी की सरकार बनेगी।