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गैंगरेप के बाद बच्ची को जलते कोयले की भट्टी में झोंका: लाश ठिकाने में आरोपियों की पत्नियां भी शामिल

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जयपुर
राजस्थान के भीलवाड़ा के कोटड़ी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग के साथ कथित तौर पर दुष्कर्म के बाद उसके शरीर को कोयला बनाने वाली भट्टी में डालने के मामले में मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और एक नाबालिग को हिरासत में लिया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।

आरोपियों की पत्नियां और उनके परिजन भी शव को ठिकाने लगाने में शामिल
वहीं, इस केस में एक चौंका देने वाला खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक, बच्ची के शव को जलाने के बाद उसकी बच्ची हुई बाॅडी को ठिकाने लगाने में आरोपियों की पत्नियां भी शामिल है।  एसपी आदर्श सिधू ने बताया कि आरोपियों में से जिन्होंने बच्ची के साथ गैंगरेप किया था, उनकी पत्नियां और उनके परिजन भी शव को ठिकाने लगाने में शामिल थे। पुलिस ने जब इन आरोपियों से पूछताछ की तो पता चला कि इनमें से दो ने नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप किया और फिर उसके सिर पर वार बेहोश कर दिया फिर उसे भट्टी में झोंक दिया। कुछ बॉडी पार्ट्स तालाब में फेंक दिए।  पुलिस ने जब भट्टी की छानबीन की तो राख से बच्ची का हाथ का कंगन और पंजे की हड्डियां बरामद हुई थीं।

फास्ट ट्रैक अदालत में पहुंचा मामला
पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने शुक्रवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस तरह का केस 'दुर्लभतम' श्रेणी में आता है और हम पूरा प्रयास करेंगे कि इस मामले में आरोपियों को फांसी की सजा मिले क्योंकि जितना जघन्य अपराध यह हुआ था उसी के तहत उतनी ही कठोर सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फास्ट ट्रैक अदालत में मामले का अनुसंधान देकर चालान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण साक्ष्य बरामद कर लिया गया है। यह एफएसएल की जांच के बाद ही तय हो पाएगा कि क्या जब नाबालिग को भट्टी में डाला गया तो वह जीवित थी या नहीं। उन्होंने कहा आरोपियों से पूछताछ और जांच के साथ हमारे पास सांइटिफिक डाटा आ गया है, और उसमें सामूहिक दुष्कर्म की जांच की जा रही है।' उन्होंने कहा कि मामले में आरोपियों की पत्नियां शामिल थी।

ड्यूटी अधिकारी निलंबित
पूरे मामले में उनकी संलिप्तता की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया नाबालिग लड़की पहले से आरोपियों की परिचित थी। उन्होंने बताया कि नाबालिग के जो अवशेष मिले हैं वो पूरी तरह से जले हुए हैं। उन्होंने बताया कि मामले में लापरवाही बरतने पर थाने में उस समय मौजूद ड्यूटी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है, और जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि किसी की गलती पाई गयी तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जायेगी। इससे पहले कोटड़ी के वृत्ताधिकारी श्याम सुंदर बिश्नोई ने बताया कि इस मामले में मुख्य आरोपी कान्हा (21), उसके भाई कालू (25), संजय (20), पप्पू (35) को गिरफ्तार किया गया है और एक नाबालिग हिरासत में लिया गया है। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी सहित चार आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (डी) (सामूहिक दुष्कर्म), 302 (हत्या), 201 (अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने के लिए झूठी जानकारी देना), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 5/6 पोक्सो अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है।

बकरियां चराने गयी लड़की शाम तक वापस नहीं आई
 वहीं नाबालिग को 302 (हत्या) 201 (अपराध के साक्ष्य का विलोपन, या अपराधी को प्रतिच्छादित करने की झूठी जानकारी देना) और 120 (बी) (आपराधिक साजिश) के तहत हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। थाना कोटड़ी पर सूचना मिली कि घर से खेत पर बकरियां चराने गयी लड़की शाम तक वापस नहीं आई। तलाश के दौरान गांव वालों को खेतों में बच्ची की चप्पल मिलने पर पास में बसे डेरे के लोगों पर शंका हुई।  डेरे के नज़दीकी कोयले की भट्टियों की जांच करने पर गुमशुदा बालिका का पहना हुआ सामान मिला।

वहीं इस मामले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने फिर राज्य सरकार पर निशाना साधा। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने मीडिया से कहा, 'मुख्यमंत्री गहलोत 2023 के चुनावी तैयारी में मशगूल हैं और महिला अपराध रोकने में बेबस और लाचार नजर आ रहे हैं।' भाजपा की राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर ने कहा कि राज्य में महिला असुरक्षा की पराकाष्ठा हो चुकी है और शासन-प्रशासन आंखें मूंद कर बैठा है।