बेंगलुरु
चंद्रयान-3 अंतरिक्ष यान 14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद से चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है। वहीं, आज शनिवार को शाम सात बजे यान को चांद की कक्षा में प्रवेश कराया जाना है। इससे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को कहा कि चंद्रयान-3 को प्रक्षेपित किए जाने के बाद से उसे कक्षा में ऊपर उठाने की प्रक्रिया को 5 बार सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। 1 अगस्त को अंतिरक्ष यान को पृथ्वी की कक्षा से ऊपर उठाकर चंद्रमा की ओर बढ़ाने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक पूरा किया गया और यान को ‘ट्रांसलूनर कक्षा' में डाल दिया गया।
आज चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा चंद्रयान-3
इसरो के अनुसार आज, एक और महत्वपूर्ण प्रयास में अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करने की प्रक्रिया 5 अगस्त को शाम करीब सात बजे के लिए निर्धारित है। इसरो ने कहा कि यह प्रयास तब किया जाएगा जब चंद्रयान-3 चंद्रमा के सबसे पास होगा। इससे पहले, उसने कहा था कि वह 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग' कराने की कोशिश करेगा।
अभी कहां है चंद्रयान-3
चंद्रयान-3 वर्तमान में चंद्रमा की ओर लगभग 37,200 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से बढ़ रहा है।
5 ऑर्बिट बढ़ाने का युद्धाभ्यास पूरा
गौरतलब है कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने 14 जुलाई को लॉन्च होने के बाद से 5 ऑर्बिट बढ़ाने के युद्धाभ्यास को पूरा करने के बाद 1 अगस्त की आधी रात को चंद्रयान -3 को ट्रांसलूनर ऑर्बिट में सफलतापूर्वक इंजेक्ट किया था। इसरो ने ट्वीट किया,‘‘इस्ट्रैक में एक सफल पेरिगी-फायरिंग की गई, इसरो ने अंतरिक्ष यान को ट्रांसलूनर कक्षा में स्थापित कर दिया है।‘'
अगला पड़ाव: चंद्रमा
इसरो ने चंद्रमा की एक तस्वीर पोस्ट करते हुए कहा,‘‘अगला पड़ाव: चंद्रमा‘‘। इसरो ने कहा कि जैसे ही यह चंद्रमा पर पहुंचेगा, अगले चंद्र-कक्षा सम्मिलन (एलओआई) की योजना 05 अगस्त, 2023 को बनाई गई है। 23 अगस्त को शाम 17.47 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की योजना है। चंद्र कक्षा में प्रवेश के बाद, चंद्रमा के अब तक अज्ञात दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र का पता लगाने के लिए 23 अगस्त की शाम को साफ्ट लैंडिंग के लिए अंतरिक्ष यान की कक्षा को आगे बढ़ाया जाएगा। कल के लिए निर्धारित एलओआई चंद्र-केंद्रित चरण की शुरुआत को चिह्नित करेगा, जिसके दौरान अंतरिक्ष यान चंद्रमा की चार बार परिक्रमा करेगा और प्रत्येक कक्षा के साथ चंद्र सतह के और करीब आएगा।
चौथा देश बन जाएगा भारत
जानकारी के लिए बता दें कि अब तक अमेरिका, रूस व चीन ने ही चांद की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के तहत लैंडर को उतारने का प्रयास किया था। हालांकि आखिरी क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया था और अगर इस बार लैंडिंग सफल रही तो भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा।