नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को देशभर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास का शिलान्यास करेंगे। अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत इस मद में 24 हजार करोड़ से अधिक धन खर्च किया जाएगा। इसकी विशेषता यह होगी कि स्टेशनों पर यात्री सुविधाएं व पुननिर्माण शहर के स्थानीय निवासियों के सुझाव पर किए जाएंगे। सभी स्टेशनों का कार्य आगामी दो वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पीएम मोदी छह अगस्त को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये देश भर में 508 रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशिला रखेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 27 राज्यों के 508 रेलवे स्टेशनों केपुनर्विकास पर 24,470 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी। रेलवे बोर्ड के मास्टर प्लान के मुताबिक स्टेशनों के दोनों किनारों को इस प्रकार विकासित किया जाएगा जिससे स्थानीय निवासियों का आवागमन सरल होगा। वर्तमान में स्टेशन शहरों को दो हिस्सों में विभाजित करते हैं।
स्टेशनों को 'सिटी सेंटर' के रूप में विकसित किया जाएगा। स्टेशन की इमारतें स्थानीय संस्कृति, विरासत और वास्तुकला से प्रेरित होंगी। मास्टर प्लान में स्टेशन की अप्रोच रोड, सर्कुलेटिंग एरिया, वेटिंग हॉल, शौचालय, आवश्यकतानुसार लिफ्ट-एस्केलेटर, स्वच्छता, मुफ्त 4-जी वाई-फाई, बेहतर यात्री सूचना प्रणाली, कार्यकारी लाउंज, व्यावसायिक बैठकों के लिए नामांकित स्थान, स्टेशन बिल्डिंग में सुधार, शहर के दोनों किनारों के साथ स्टेशन को एकीकृत करना, मल्टीमॉडल एकीकरण, दिव्यांगजनों-महिलों के लिए सुविधाएं, टिकाऊ और पर्यावरण अनुकूल समाधान, गिट्टी रहित ट्रैक का प्रावधान, आवश्यकता के अनुसार 'रूफ प्लाजा' आदि को शािमल किया गया है। लेकिन जनता की मांग पर इसमें बदलाव किया जा सकता है।
यूपी के 55 और बिहार के 49 स्टेशन शामिल
प्रधानमंत्री जिन रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की आधारशीला रखेंगे, उनमें उत्तर प्रदेश और राजस्थान के 55-55, बिहार के 49, महाराष्ट्र के 44, पश्चिम बंगाल के 37, मध्य प्रदेश के 34, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के 18-18 स्टेशन शामिल हैं। अमृत भारत योजना में कुल 1,309 स्टेशनों के पुनर्विकास का खाका तैयार किया गया है।
रेल मंत्री अश्विनी वैश्णव ने कहा, ''प्रधानमंत्री मोदी समय-समय पर रेलवे विकास योजनाओं की समीक्षा करते हैं। उनकी ओर से रेलवे स्टेशनों के डिजाइन तैयार करने में अहम सुझाव दिए हैं। रेल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मुहैया कराना मोदी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिता रही है।''