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फाइलेरिया गंभीर बीमारी, रोकथाम बेहद जरूरी, दवा लेने से न चुकें; कब से चलेगा अभियान?

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पटना  

राज्य में आगामी 10 अगस्त से फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का विशेष अभियान (एमडीए) चलेगा। अभियान के दौरान स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरियारोधी दवा का सेवन कराएंगे। यह अभियान राज्य के 14 जिले में चलेगा। इस राउंड में पहली बार आंगनबाड़ी केन्द्रों, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, स्कूल, पंचायत, पीएचसी, सीएचसी सहित मेडिकल कॉलेजों पर बूथ लगाकर दवा खिलाई जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार मेडिकल कॉलेज एवं हेल्थ फैसिलिटी पर 14 दिनों एवं स्कूल सहित अन्य सार्वजनिक जगहों पर 3 दिन तक बूथ  लगेगा। अभियान के दौरान मार्कर पेन का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे दवा सेवन करने वालों की पहचान करने में सहूलियत होगी, ताकि एक व्यक्ति दो बार दवा सेवन न करें। एमडीए राउंड की सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ अन्य विभागों का भी लगाया जा रहा है। इसमें शिक्षा विभाग एवं आईसीडीएस का सहयोग स्वास्थ्य विभाग को प्राप्त हो रहा है। साथ ही जीविका, पीएचईडी एवं अन्य विभागों की भी सहायता ली जाएगी।

5 करोड़ 60 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य
फाइलेरिया एक गंभीर रोग है। इसलिए विभाग का मानना है कि इसके उपचार की तुलना में रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है। एमडीए के जरिए ही फाइलेरिया की रोकथाम एवं उन्मूलन संभव है। इसके लिए दवा सेवन के बाद किसी भी तरह के संभावित दुष्परिणामों पर भी प्रभावी प्रबंधन किया जाएगा। 10 अगस्त से 14 जिलों में चलने वाले अभियान में 5 करोड़ 60 लाख लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

पटना सहित 10 जिलों में दो तरह की दवाएं खिलाई जाएंगी
जिले पटना, अररिया, भोजपुर, बक्सर, किशनगंज, नवादा, मधेपुरा, मधुबनी, पूर्णिया में लोगों को 2 तरह की दवाएं खिलाई जाएंगी।  वहीं, 4 जिले दरभंगा, लखीसराय, रोहतास एवं समस्तीपुर में लोगों को तीन तरह की दवाएं खिलाई जाएंगी। एमडीए की सफलता के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना एवं मॉनिटरिंग एवं सपोर्टिव सुपरविजन पर विशेष बल दिया जा रहा है। प्रत्येक दिन शाम में जिला/ प्रखंड स्तर पर दवा सेवन की स्थिति पर बैठक कर जायजा लिया जाएगा। राज्य स्तर पर भी समीक्षा बैठक होगी।