नईदिल्ली
दिल्ली अध्यादेश बिल अभी अमल में भी नहीं आया, इससे पहले ही दिल्ली सरकार ने मुख्य सचिव पर संवैधानिक व्यवस्था को नहीं मानने का आरोप लगाया है। सरकार का कहना है कि मुख्य सचिव नरेश कुमार मुख्यमंत्री को फाइल भेजने के बजाए सीधे उपराज्यपाल कार्यालय को भेज रहे हैं।
ताजा मामला दिल्ली की महापौर की एक विदेश यात्रा को लेकर है, जिसकी फाइल सीधे एलजी को भेज दी गई। दिल्ली सरकार ने इस पर नाराजगी जताई है। दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के ब्रिस्बेन में 11 से 13 अक्टूबर के बीच एशिया पेसिफिक सिटीज समिट-2023 का आयोजन होना है। दिल्ली की महापौर डॉ. शैली ओबरॉय को इसमें शामिल होना है। इस संबंध में दिल्ली मेयर कार्यालय की तरफ से 15 जून को एमसीडी कमिश्नर को प्रस्ताव भेजा गया था, जिसमें एक एमसीडी अधिकारी को भी साथ लेकर जाने की बात है।
निगमायुक्त ने प्रक्रिया के तहत फाइल शहरी विकास सचिव को भेज दी। शहरी विकास सचिव ने यह फाइल मुख्य सचिव को भेजी। मुख्य सचिव ने यह फाइल मुख्यमंत्री को भेजने के बजाए सीधे एलजी को भेज दी।
एलजी ऑफिस ने भी आपत्ति जताई
सरकार के सूत्रों की मानें तो फाइल सीधे भेजने पर उपराज्यपाल कार्यालय ने भी आपत्ति जताई और मुख्यमंत्री के माध्यम से फाइल भेजने का निर्देश देते हुए फाइल लौटा दी। सरकार का कहना है कि यह समिट एमसीडी के साथ-साथ दिल्ली के लिए फायदेमंद हो सकता है। एशिया पेसिफिक सिटीज समिट-2023 में एक हजार से अधिक लोग जुटेंगे। इसमें महापौर, नीति निर्माता, बिजनेस लीडर्स और स्टार्टअप से जुड़े लोग शामिल होंगे। इस समिट का विषय ‘सेपिंग सिटिज फॉर आवर फ्यूचर’ है।