बिहार
बिहार के सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने आने वाले सभी 30 प्लस (30 साल से अधिक उम्र वाले) मरीजों का न केवल बीपी, शुगर, कैंसर समेत पांच प्रकार की बीमारियों जांच की जाएगी। बल्कि बीमारी होने की पुष्टि होने पर उनकी कुंडली (हेल्थ कार्ड) बनाई जाएगी। जिसमें उनके सभी फॉलोअप के दौरान की गई जांच रिपोर्ट का ब्योरा दर्ज होगा। सदर अस्पताल में जहां ये सुविधा एक अगस्त से शुरू हो चुकी है तो जिले के अनुमंडलीय, रेफरल अस्पताल व सीएचसी-पीएचसी में हेल्थ कार्ड की आपूर्ति की जा रही है। उम्मीद है कि पूरे जिले में 15 अगस्त से हेल्थ कार्ड बनने का सिलसिला पूरी तरह से शुरू हो जाएगा।
बिहार में 30 से ज्यादा उम्र वाले लोगों का बनेगा हेल्थ कार्ड
करीब एक सप्ताह पहले राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने सिविल सर्जन डॉ. अंजना कुमारी समेत सूबे के हरेक जिलों के सिविल सर्जन को पत्र भेजा था। पत्र में उन्होंने कहा कि था कि एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कॉर्डियोवैस्कुलर डिजीज एंड स्ट्रोक) के तहत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चलने वाली एनसीडी क्लीनिक के तहत 30 साल से अधिक उम्र के लोगों का एनसीडी स्क्रीनिंग तो की जा रही है, लेकिन उसका रजिस्टर मेंटेन नहीं किया जा रहा है।
ऐसे में जहां जिले के सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों पर जहां 30 प्लस लोगों की गैर संचारी रोगों की जांच की जाएगी, वहीं मरीजों का जांच संबंधी ब्योरा रजिस्टर में मेंटेन करना होगा। साथ ही सरकारी अस्पतालों में चलने वाले एनसीडी क्लीनिक में मिलने वाले शुगर, बीपी, कैंसर के मरीजों का हेल्थ कार्ड बनाना होगा। जिले में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, स्वास्थ्य उप केंद्रों पर होने वाले पापुलेशन बेस्ड स्क्रीनिंग के तहत एएनएम को हेल्थ रजिस्टर दिया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा जारी हेल्थ कार्ड (एनसीडी स्क्रीनिंग कार्ड)
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार मनस्वी ने बताया कि जिले के सभी सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले 30 साल से अधिक उम्र के हरेक व्यक्ति का एनसीडी क्लीनिक में जाकर बीपी, शुगर, माउथ कैंसर व अगर महिला होगी। ब्रेस्ट व सर्विक्स कैंसर की जांच करानी होगी। जैसे ही कोई व्यक्ति इन बीमारियों का शिकार पहली बार होना पाया जाएगा तो उनका मौके पर ही हेल्थ कार्ड बनाया जाएगा। उसे हर माह फालोअप के लिए बुलाया जाएगा और फालोअप के तहत हुए जांच का रिकार्ड दर्ज किया जाएगा। छह माह में फिर उसका नया कार्ड इश्यू किया जाएगा। वहीं कैंसर का मरीज मिलने पर उसे आगे की जांच या फिर इलाज के लिए होमी भाभा कैंसर अस्पताल मुजफ्फरपुर भेजा जाएगा।
इस बाबत सदर अस्पताल के गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. पंकज कुमार मनस्वी ने बताया कि जिले में अभी फिलहाल पांच हजार हेल्थ कार्ड आ चुका है। सदर अस्पताल के एनसीडी क्लिनिक में हेल्थ कार्ड का बनना एक अगस्त से शुरू हो चुका है। जबकि अनुमंडलीय अस्पताल कहलगांव व नवगछिया, रेफरल अस्पताल सुल्तानगंज, नाथनगर, पीरपैंती और जिले के 11 सीएचसी-पीएचसी पर संचालित हो रहे एनसीडी क्लीनिक को हेल्थ कार्ड भेजे जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उम्मीद है कि 15 अगस्त तक इन अस्पतालों के एनसीडी क्लीनिक पर हेल्थ कार्ड का बनना शुरू हो जाएगा।