लखनऊ
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में भले ही माफिया अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत को महीनों बीत गए हों, लेकिन अभी भी इस मामले में खुलासे होने का सिलसिला जारी है. खबर मिली है कि माफिया अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब पर जल्द ही पुलिस इनाम घोषित करने जा रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, जेठ और पति की बनाई बेनामी संपत्तियों को बेचने में नाम सामने आने के बाद अब अशरफ की पत्नी रूबी उर्फ जैनब पर भी इनाम घोषित किया जा सकता है. ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द ही पुलिस की ओर से इस मामले में कार्रवाई की जा सकती है.
बता दें कि लखनऊ के प्रसिद्ध होटल हयात में अतीक के भाई अशरफ की पत्नी जैनब, अतीक के वकील विजय मिश्रा के साथ ठहरी हुई थी. यहां वकील विजय मिश्रा, अतीक की बेनामी संपत्ति की डील जैनब के साथ कर रहा था, तभी वहां पुलिस पहुंच गई.
पुलिस के आते ही फरार हुई जैनब
जानकारी के मुताबिक, डील चल ही रही थी कि वहां पुलिस आ गई. बताया जा रहा है कि इससे पहले ही जैनब वहां से फरार हो गई. जब पुलिस होटल पहुंची तब वहां अतीक का वकील विजय मिश्रा था. पुलिस ने विजय मिश्रा को बेनामी संपत्तियों के कागजों के साथ पकड़ लिया. जैसे ही पुलिस को वहां जैनब के होने की खबर लगी, वहां हड़कंप मच गया. पुलिस अलर्ट हो गई. सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई. मगर तब तक जैनब फरार होने में कामयाब हो चुकी थी. ऐसे में एक बार फिर जैनब पुलिस के हत्थे चढ़ते-चढ़ते रह गई.
लखनऊ के आस-पास छिपी हुई है जैनब?
मिली जानकारी के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में विजय मिश्रा ने बताया है कि वह बेनामी संपत्ति का सौदा करने लखनऊ पहुंचा था. इसके लिए उसने अशरफ की पत्नी जेनब और उसके भाई सद्दाम को भी लखनऊ बुलाया था. पुलिस जांच में सामने आया है कि अतीक का वकील विजय मिश्रा लखनऊ जेल में उमर से भी मिला था. पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उमर और असद को अतीक की बेनामी संपत्ति जानकारी है. पुलिस उमर से लखनऊ जेल जाकर पूछताछ करने की तैयारी कर रही है. इसके साथ ही जैनब की भी तलाश शुरू कर दी गई है, जो लखनऊ के आसपास छुपी हुई मानी जा रही है.
आखिर जैनब और शाइस्ता की योजना क्या है?
जैनब पुलिस के हत्थे तो नहीं चढ़ी मगर अब पुलिस और एसटीएफ को शाइस्ता और जैनब को लेकर अहम बात पता चली है. पुलिस को पता चला है कि बेनामी संपत्ति की डील से 12 करोड़ रुपये का भुगतान होना था. जैनब और शाइस्ता हर कीमत पर देश से फरार होना चाहती हैं. जैनब और शाइस्ता के फरार होने में इस रकम का इस्तेमाल होना था.