नईदिल्ली
नई दिल्ली। यमुना नदी की बाढ़ ने ‘असिता ईस्ट’ एवं ‘बांसेरा’ में जी-20 शिखर सम्मेलन से जुड़ी गतिविधियों के आयोजन पर भी पानी फेर दिया है। आलम यह है कि अभी तक यमुना किनारे तैयार किए गए इन दोनों हरित क्षेत्रों में से न तो बाढ़ का पानी उतरा है, न ही यहां हुए नुकसान का आकलन किया जा सका है। डीडीए एवं राजनिवास के सूत्र भी अब किसी आयोजन की संभावना पर संदेह जता रहे हैं।
बता दें कि लगभग 90 हेक्टेयर में फैली असिता ईस्ट और 12 हेक्टेयर में बांसेरा क्षेत्र में लगभग एक साल से बड़े पैमाने पर सुंदरीकरण कार्य चल रहा था। दोनों ही जगह 2.5 हेक्टेयर में आर्द्र भूमि तैयार की गई।
बांसेरा में दिल्ली, देहरादून और असम से लाए गए 15-20 प्रजातियों के पौधे लगाए गए थे, जबकि असिता में 5,500 पेड़ और 3.35 मिलियन घास का रोपण किया गया। एलजी वीके सक्सेना की विशेष इच्छा थी कि इन दोनों ही जगहों पर जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ छिटपुट गतिविधियां रखी जाएं। मार्च में असिता में 12 देशों के प्रतिनिधियों की बैठक भी रखी भी गई थी, लेकिन पिछले माह आई यमुना की बाढ़ में सारी तैयारी बह गई।
लिहाजा, अब यहां पर किसी गतिविधि के आयोजन की संभावना नहीं बची।
राजधानी के सुंदरीकरण में जुटा है डीडीए
असिता और बांसेरा में हुए नुकसान के बावजूद राजधानी के सुंदरीकरण की दिशा में डीडीए जुट गया है। विभिन्न प्रमुख जगहों पर गमले वाले एक लाख पौधे लगाए जा रहे हैं। 47 पार्कों में लगे वृक्षों पर रोशनी की जाएगी, इनमें लगे सभी फव्वारे भी चालू कर दिए गए हैं। 22 पार्कों और खेल परिसरों में जी-20 के संदेश प्रदर्शित होंगे। इनमें एनएच 24 संजय झील पार्क, लीला के पास पार्क, सीबीडी शाहदरा एवं स्वर्ण जयंती पार्क भी शामिल हैं।
चिराग एवं दरवार खान नाम की दो आधुनिक नर्सरियां तैयार की जा रही हैं। इसके अलावा द्वारका को सुंदर बनाने के लिए विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। इसमें विभिन्न एलईडी बोर्ड लगाए गए, एलईडी स्ट्रिप्स लगाई गईं, पेड़ों की छंटाई की गई, नए पौधे लगाए गए, स्ट्रीट लाइटों की पेंटिंग की गई, सड़कों की मरम्मत की गई।
साइन बोर्डों की मरम्मत, कर्ब पत्थरों की पेंटिंग, सड़क का चिह्नीकरण, द्वारका में चौराहे का सुंदरीकरण, बरसाती पानी वाले नाले की सफाई और डी-सिल्टिंग सहित कर्ब चैनल की सफाई भी चल रही है। डीडीए के सभी खेल परिसरों और गोल्फ कोर्स में जी-20 संदेश वाले बोर्ड भी प्रदर्शित किए गए हैं।