नईदिल्ली
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने बिजली आपूर्ति को सुचारू रखने के लिए सोलर एनर्जी प्लांट की शुरुआत की है। एम्स परिसर में नौ किलोवाट का प्लांट लगाया गया। इसे निजी भागीदारी की मदद से लगाया गया है।
इससे हर वर्ष 13140 यूनिट बिजली का उत्पादन किया जा सकेगा। आपातकालीन स्थतियों से निपटने में यह प्रयास कारगर साबित होगा। एम्स के निदेशक के आवास की छत पर इस प्लांट को स्थापित किया गया है। इस मौके पर एम्स और इंडियन रिनेवेबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (आइआरईडीए) के बीच एक समझौता ज्ञापन भी हस्ताक्षर हुए।
प्लांट का उद्घाटन एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास व भारतीय नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड के चेयरमैन पीके दास ने किया। जैक्सन ग्रुप के सहयोग से इसकी स्थापना की गई है।
पर्यावरण से जुड़े हमारे उद्देश्यों को हासिल करने की दिशा में छत पर लगाया गया सोलर प्लांट एक महत्वपूर्ण कदम है। हम न केवल अपने परिचालन को बेहतर बनाने में, बल्कि बड़े पैमाने पर पर्यावरण के हित में योगदान देने के लिए भी ग्रीन एनर्जी की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचान रहे हैं। इसकी शुरुआत से संस्थान को काफी लाभ होगा।
-एम श्रीनिवास, एम्स निदेशक
गौरतलब है कि बीते दिनों बिजली कट जाने के कारण एम्स में सर्जरी पर प्रभाव पड़ा था। ओपीडी में मरीजों को परेशान होना पड़ा था। रेडिएशन थेरेपी तक बंद करनी पड़ गई थी।
इसलिए ग्रीन एनर्जी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में और भी सोलर प्लांट लगाए जाने की योजना पर काम किया जा रहा है। इस मौके पर आइआरईडीए के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पीके दास मुख्य तौर पर मौजूद रहे।