नीदरलैंड
बच्चों का कंप्यूटर स्क्रीन के सामने ढेर सारा वक्त बिताना और उनके लिए इंटरनेट का ऐक्सेस कितना खतरनाक साबित हो सकता है, इससे जुड़ा एक नया मामला सामने आया है। नीदरलैंड में रहने वाली एक महिला बारबरा जमेन ने चौंकाने वाला घटनाक्रम सबके सामने रखा है और बताया है कि कैसे उनका महज 8 साल का बेटा साइबर अपराध की दुनिया का हिस्सा बन गया। उसने चुपके से अवैध और खतरनाक चीजें डार्क वेब से ऑर्डर कीं, जिनमें AK-27 राइफल तक शामिल थीं।
बारबरा खुद एक ह्यूमन रिसोर्स एक्सपर्ट के तौर पर काम करती हैं और उन्होंने यूरोपियन न्यूज एजेंसी Euronews से पूरे मामले पर बात की। उन्होंने बताया कि उनके बेटे ने बेहद कम उम्र से ही हैकिंग शुरू कर दी थी और बिना भुगतान किए ऑनलाइन चीजें ऑर्डर करने लगा था। पहले यह फ्री पिज्जा जैसी छोटी-मोटी चीजें हुआ करती थीं लेकिन धीरे-धीरे बात हाथ से निकल गई और वह डार्क वेब तक पहुंच गया। बता दें, डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जहां अवैध गतिविधियां होती हैं और हथियार या ड्रग्स जैसी अवैध चीजें मिलती हैं।
ऑनलाइन गेम्स के जरिए करता था हैकर्स की मदद
इंटरनेट पर अपनी हरकतों को छुपाने के लिए बारबरा का 8 साल का बेटा खास तरह के कोड वर्ड्स और फ्रेज इस्तेमाल करता था। उदाहरण के लिए, मां के कमरे में आने की जानकारी साथियों को देने के लिए वह 'Pitt is coming to our place.' जैसे कोड लिख देता था। वह बुरे लोगों, अपराधियों और हैकर्स से ऑनलाइन गेम्स के जरिए जुड़ा था और पैसों के अवैध लेनदेन में उनकी मदद भी कर रहा था।
घर पहुंची डार्क वेब से ऑर्डर की गई AK-47 राइफल
बारबरा को मामले की गंभीरता का अंदाजा तब हुआ, जब उनके घर पर अवैध तरीके से मंगवाई गई AK-47 ऑटोमैटिक राइफर डिलीवर हुई। वह यह पता चलते ही हैरान रह गईं कि इस असॉल्ट राइफल को उनके बेटे ने ऑर्डर किया है। उनके बेटे ने किसी तरह के शक से बचने के लिए गन को पोलैंड से बुल्गेरिया के रास्ते घर मंगवाया था। बारबरा ने तुरंत सतर्क होकर यह राइफल स्थानीय पुलिस के हवाले की लेकिन कम उम्र के चलते उनके बेटे पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं हुई।
आखिर में मां ने खुद उठाया बेटे को सुधारने का जिम्मा
बारबरा की मानें तो राइफल से जुड़े इस पूरे घटनाक्रम के बाद नन्हा हैकर तनाव में रहने लगा और रात-रातभर जागकर हैकर्स के इंटरनेशनल ग्रुप्स के साथ काम करने लगा। कानूनी मदद ना मिलने की स्थिति में बारबरा ने खुद साइबर सुरक्षा के बारे में सीखने का मन बनाया और अब डच पुलिस में साइबर स्पेशल के तौर पर वॉलेंटियर कर रही हैं। उनका कहना है कि पैरेंट्स को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि बच्चों को सही-गलत या वैध-अवैध की समझ नहीं होती और वे बड़ी मुश्किल में फंस सकते हैं।