नई दिल्ली
दिल्ली-एनसीआर से सटे नोएडा में एक ई-रिक्शा से 45 लाख रुपये कैश लेजाने का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। पुलिस को ई-रिक्शा के पास से पांच फर्जी आधार कार्ड भी मिले हालांकि पुलिस ने अब मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रिपोर्ट के मुताबिक अतिरिक्त डीसीपी (नोएडा) शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि आरोपी व्यक्ति मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल एक गिरोह का हिस्सा है जो 500 रुपये के नोट के 45 लाख रुपये लेकर जा रहा था। गुप्त सूचना के बाद बुधवार को सेक्टर-113 पुलिस थाने के अफसरों ने शख्स को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, इस पैसे को देकर 2000 रुपये के नोट बदले जाने थे।
थाना सेक्टर 113 के प्रभारी निरीक्षक जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि कि मेरठ निवासी 40 वर्षीय जगजीवन उर्फ बाबू से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि इस पैसे को तीन लोगों ने उसे दिया था. उन्होंने बताया कि आयकर विभाग को इसकी सूचना दी गई है। जांच में यह बात सामने आई कि ये लोग हवाला का कारोबार करते हैं।
वहीं, अब स्थानीय पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा धोखाधड़ी), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (दस्तावेज का धोखाधड़ीपूर्ण उपयोग) और के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और आरोपी को अदालत ने जेल भेज दिया है।