आगरा
आगरा में ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में बड़े पैमाने पर हरे पेड़ काटने का मामला सामने आया है। किरावली के विद्यापुर में पेट्रोल पंप निर्माण में सैकड़ों पेड़ों पर आरी चलाई गई है। हरी भरी दिखने वाली जमीन वीरान कर दी गई है। गूगल मैप में दिखने वाले हरे पेड़ धरातल से गायब हैं। शिकायत के बाद वन विभाग के स्थानीय अधिकारी कटे इन पेड़ों को झाड़ी बता रहे हैं। जांच ठंडे बस्ते में डाल दी है। शिकायत पर्यावरण वन जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में हुई है।
नौलक्खा निवासी पर्यावरण प्रेमी सजल बंसल ने शिकायत में बताया है कि आगरा-जयपुर मार्ग स्थित गांव विद्यापुर में खसरा संख्या 149 में हिन्दुस्तान पेट्रोलियम कार्पोरेशन की ओर से पंप का निर्माण कराया जा रहा है। सामने वन विभाग की संरक्षित भूमि है। साल 2015-16 में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वन विभाग ने इस मार्ग पर छह लाख पौधे रोपे थे। रोपे गए पौधों पर ट्री-गार्ड लगाए थे।
उन ट्री-गार्ड पर बाकायदा नंबरिंग की गई थी। ये पौधे हर तीन मीटर की दूरी पर लगे थे।गूगल मैप में बड़ी संख्या में पेड़ दिखाई दे रहे हैं।वन विभाग ने पंप निर्माण की स्वीकृति में ये साफ निर्देश दिए हैं कि पंप का संपर्क मार्ग बनाने में वृक्षों का पातन नहीं होगा। सैकड़ों पेड़ काट दिए हैं। डीएफओ आगरा आदर्श कुमार ने जांच को कमेटी बनाई है। धरातलीय निरीक्षण किया है। रिपोर्ट डीएफओ को सौंपेंगे।
ट्री गार्ड पर लिखे नंबर मिटाए, दोबारा डाले
विभागीय अधिकारियों ने जांच से बचने के लिए आसपास के एक किलोमीटर के दायरे में ट्री-गार्ड पर लगे नंबरों को कलर से मिटा दिया है। बड़ी संख्या में ट्री-गार्ड की पुताई हुई है। उसके अगले ही दिन उन ट्री-गार्ड पर दूसरे नंबर डाल दिए हैं। काटे गए पेड़ों के स्थान पर छोटे-छोटे पौधे ट्री-गार्ड में लगवा दिए गए हैं। जबकि, 2015-16 में लगे पौधे का आवरण दूर से नजर आता है। इन्हें भी सरकारी गिनती में शामिल कर लिया है।
डीएफओ सामाजिक वानकी आगरा, आदर्श कुमार ने कहा कि पेड़ काटने की शिकायत मिली थी। रिपोर्ट में गूगल मैप के फोटो भी शामिल थे, जिसमें बड़ी संख्या में पेड़ और हरियाली दिखाई दे रही है। लेकिन, कभी-कभी गूगल मैप से मौके की वास्तविक स्थिति स्पष्ट नहीं होती है। धरातलीय जांच के लिए कमेटी बना दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। यदि पेड़ों का पातन हुआ है तो नियमानुसार कार्रवाई होगी।