उडुपी
कर्नाटक के उडुपी से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है. लोग तरह तरह की बातें करते हुए ट्वीट कर रहे हैं. मामला ये है कि यहां के एक प्राइवेट पैरामेडिकल कॉलेज में तीन लड़कियों को सस्पेंड कर दिया गया है. इन पर आरोप है कि इन्होंने वॉशरूम में छिपकर बाकी लड़कियों के वीडियो बनाकर उन्हें वायरल किया है. शिकायत 18 जुलाई को हुई और 20 जुलाई को सस्पेंड कर दिया गया. बाद में मामले को सांप्रदायिक रंग भी दे दिया गया.
सस्पेंड हुई तीनों लड़कियां इत्तेफाक से मुस्लिम हैं. ऐसे में सोशल मीडिया पर लोगों ने घटना को जिहादी साजिश का हिस्सा बता दिया. लोगों ने ट्वीट करते हुए लिखना शुरू कर दिया कि ये आरोपी लड़कियां हिंदू लड़कियों के वीडियो बनाकर उन्हें मुस्लिम लड़कों के बीच वायरल कर रही हैं. कुछ लोगों ने तो घटना की तुलना केरला स्टोरी फिल्म से भी कर दी. पोस्टर भी बन गए और खूब शेयर हुए, जिसमें एक तरफ हिंदू लड़की और दूसरी तरफ मुस्लिम लड़की को दिखाया गया. लेकिन जब इस मामले की पड़ताल की गई, तो पता चला कि मामला उतना बड़ा नहीं है, जितना दिखाया जा रहा है.
पुलिस ने मामले में स्पष्टीकरण दिया
जिला पुलिस अधीक्षक अक्षय मच्छिन्द्र ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि लोग इसे दूसरी जगहों पर हुए मामलों से जोड़ रहे हैं. इस पर पुलिस के सोशल मीडिया हैंडल्स से स्पष्टीकरण दिया जा चुका है. बिना वेरिफाई किए जानकारी को सोशल मीडिया पर शेयर कर कन्फ्यूजन पैदा की जा रही है. उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग को किसी वीडियो को सर्कुलेट किए जाने की कोई जानकारी नहीं मिली है. इसके साथ ही उन्हें कॉलेज में हिडन कैमरा रखे जाने की जानकारी भी नहीं मिली.
कॉलेज प्रशासन ने अपने स्तर पर अनुशास्नात्मक कार्रवाई की है. एसपी ने भी मीडिया को इस बारे में बताया. साथ ही पीड़ित लड़कियों की तरफ से कॉलेज प्रशासन को बताया गया कि वीडियो केवल मजाक में बनाए गए थे और बाद में डिलीट कर दिए गए और इन्हें सर्कुलेट नहीं किया गया है. मच्छिन्द्र ने कहा कि वीडियो को कहीं भी शेयर नहीं किया गया है. किसी मामले में अगर किसी को वीडियो मिलता भी है, तो वो उसे हमारे संज्ञान में ला सकता है.
ट्विटर पर शेयर किया गया पोस्टर
उडुपी की रहने वाली ट्विटर यूजर रश्मि सामंत से भी पुलिस ने संपर्क किया. इस मसले पर एसपी ने बताया कि पुलिस बस ट्विटर अकाउंट की सत्यता जानना चाहती थी, जिससे एक विशेष समुदाय की छात्राओं को लेकर अफवाहों के साथ एक ट्वीट किया गया है. एसपी ने आगे बताया कि पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है. उनके पास इतने भी सबूत नहीं हैं, जिनके आधार पर स्वत: संज्ञान लिया जा सके.
इसके अलावा कॉलेज डायरेक्टर रश्मि कृष्णा प्रसाद ने प्रेस मीट में कहा कि जैसे ही मैनेजमेंट को घटना का पता चला, उसकी जांच की गई. जांच के आधार पर कॉलेज में मोबाइल फोन लाने को लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए छात्राओं को सस्पेंड किया गया है. यहां मोबाइल लेकर आना नियमों के खिलाफ है. उन्होंने बताया कि छात्राओं ने अपने किए के लिए माफी मांगी है. पुलिस को भी घटना के बारे में जानकारी दी गई और वो कॉलेज आई. उसने घटना में शामिल छात्राओं के माता पिता की मौजूदगी में जांच की. छात्राओं के मोबाइल फोन पुलिस को सौंप दिए गए हैं.
मजाक में बनाए वीडियो- कॉलेज डायरेक्टर
कॉलेज डायरेक्टर ने कहा कि छात्राओं ने साफतौर पर कहा है कि वो केवल मजाक में वीडियो बना रही थीं और उन्होंने माफीनामा दिया है. पत्रकारों से बात करते हुए उडुपी के विधायक यशपाल सुवर्ण ने पुलिस विभाग से वॉशरूम में हिडन कैमरा ले जाने वाली आरोपी छात्राओं के खिलाफ सुओ मोटो केस दर्ज करने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि तीनों छात्राओं की वजह से जिले की बदनामी हुई है, जो कि एक एजुकेशनल हब है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का शक है कि घटना के पीछे अज्ञात लोगों का हाथ हो सकता है. मामले को मुख्यमंत्री और गृह मंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा.
कॉलेज की तरफ से कहा गया कि छात्राओं ने स्वीकार किया है कि उन्होंने मजाक के तौर पर वीडियो बनाए थे और ऐसा दोबारा नहीं करेंगी. हमारा नियम है कि कॉलेज में कोई फोन नहीं ला सकता. दूसरी बात, उन्होंने अपनी गलती मान ली है. हमने तुरंत पुलिस को सूचित किया. हमें घटना के बारे में तब पता चला जब एक लड़की ने इस बारे में बताया. उसने कहा कि उसे वॉशरूम के भीतर ऊपर की तरफ एक मोबाइल फोन फिट किया हुआ मिला था. उसी लड़की ने बाद में बताया कि आरोपी छात्राओं ने वीडियो डिलीट कर माफी मांग ली है. लड़कियों का मकसद क्या था नहीं पता लेकिन उनका कहना है कि उन्होंने ऐसा मजाक में किया है.
एनसीडब्ल्यू ने मामले में लिया संज्ञान
शिकायत करने वाली लड़की ने ही कहा है कि वीडियो बनाने वाली तीनों लड़कियों ने वीडियो डिलीट कर माफी मांग ली है. राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले पर संज्ञान लिया. उसने अपनी सदस्य खुशबू सुंदर को उडुपी भेजा है. खुशबू की तरफ से ट्वीट कर कहा गया है, 'उस मामले को देखने उडुपी जा रहा हूं, जिसमें लड़कियों के साथ कॉलेज में पढ़ने वाली अन्य लड़कियों ने वीडियो बनाए हैं. बच्चों को ऐसी गतिविधियों में लिप्त होता देखना बेहद दुखद है. एनसीडब्ल्यू इंडिया की सदस्य के तौर पर मैं इस मामले को देखूंगी, छात्राओं से बात करूंगी, पुलिस से मिलूंगी और कॉलेज का दौरा भी करूंगी.