Home राजनीति चुनावी हलफनामे में संपत्ति छिपाने पर बड़ी कार्रवाई, BRS नेता की चली...

चुनावी हलफनामे में संपत्ति छिपाने पर बड़ी कार्रवाई, BRS नेता की चली गई विधायकी; जानें पूरा मामला

5

तेलंगाना

तेलंगाना हाई कोर्ट ने कोठागुडेम विधानसभा क्षेत्र से 2018 में चुने गए BRS के विधायक वनमा वेंकटेश्वर राव का चुनाव मंगलवार को रद्द कर दिया। चुनाव के दौरान फॉर्म-26 हलफनामा दाखिल करते समय उन पर उनकी अचल संपत्ति से संबंधित जानकारी छिपाने के लिए यह कार्रवाई की गई। अदालत ने याचिकाकर्ता व 2018 विधानसभा चुनाव में कोठागुडेम सीट से उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी टीआरएस (अब बीआरएस) उम्मीदवार जलगम वेंकट राव को निर्वाचित घोषित कर दिया।

जलगम वेंकट राव के वकील रमेश कुथुम्बका के अनुसार, अदालत ने वनमा वेंकटेश्वर राव पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जस्टिस जी राधा रानी ने पूर्व विधायक जलगम वेंकट राव की चुनाव याचिका को स्वीकार करते हुए यह आदेश पारित किया। याचिका में कोठागुडेम विधानसभा सीट से विधायक के रूप में वनमा वेंकटेश्वर राव के चुनाव को चुनौती दी गई थी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि वनमा वेंकटेश्वर राव ने अपने चुनावी हलफनामे में अपनी और अपने परिवार की कृषि भूमि के संबंध में कुछ तथ्य छिपाए थे।

कांग्रेस के टिकट पर राव को मिली थी जीत
वेंकटेश्वर राव 2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर कोठागुडेम से जीते थे और बाद में वह बीआरएस (तब टीआरएस) में शामिल हो गए थे। तमाम कोशिशों के बावजूद अदालत के इस फैसले पर वनमा वेंकटेश्वर राव से उनकी टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका। दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट ने जहीराबाद निर्वाचन क्षेत्र के बीआरएस के सांसद भीमराव बसंतराव पाटिल की HC के फैसले के खिलाफ दायर याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। जस्टिस एस रवींद्र भट और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की पीठ ने उच्च न्यायालय के फैसले और संबंधित पक्षों की दलीलों पर गौर करने के बाद याचिका खारिज की।

कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार मदन मोहन राव ने उनके निर्वाचन को आपराधिक मामलों के बारे में पूरी जानकारी का खुलासा नहीं करने का आरोप लगाते हुए उसे चुनौती दी थी। तेलंगाना उच्च न्यायालय ने पाटिल की याचिका खारिज कर दी थी। शीर्ष अदालत की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि भले ही वोट देने के अधिकार को अभी तक मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता नहीं दी गई है, फिर भी उम्मीदवार की पूरी पृष्ठभूमि के बारे में जानने का मतदाता का अधिकार है। अदालत ने कहा कि सूचित विकल्प के आधार पर मतदान का अधिकार लोकतंत्र के सार का एक महत्वपूर्ण घटक है।