भोपाल
करीब आधा दर्जन जिलों में पुलिस अधीक्षकों को बदले जाने की कवायद अब अपने अंतिम दौर में मानी जा रही है। इनमें से अधिकांश जिलों में प्रमोटी आईपीएस अफसरों को मौका दिया जा सकता है। हाल ही में राज्य पुलिस सेवा के 14 अफसरों को आईपीएस अवार्ड हुआ है, इनमें से एक दर्जन अफसर जिलों में पुलिस अधीक्षक बनने के प्रयास कर रहे हैं। इसमें से कुछ अफसरों को पुलिस अधीक्षक बनाकर जिले में भेजा जा सकता है।
पुलिस अधीक्षक बनने के लिए कई अफसरों ने केंद्र तक से अपनी जुगाड़ लगाई है। जल्द ही बुरहानपुर, पन्ना सहित भोपाल में पदस्थ डीपीसी रेंक के तीन अफसरों का तबादला होना तय माना जा रहा है। वहीं कुछ और जिलों के भी पुलिस अधीक्षकों को हटाए जाने की सुगबुगाहट है।
इनमें अब डायरेक्ट आईपीएस अफसरों को फील्ड में भेजने से सरकार बच रही है, इसके चलते प्रमोटी आईपीएस अफसरों को इन जिलों में मौका दिया जा सकता है। कुछ ऐसे अफसर जिन्हें जिलों में लगभग डेढ़ साल से ज्यादा हो गया है, उन्हें भी बदला जा सकता है। ऐसे तीन जिले प्रभावित हो सकते हैं। इन जिलों में भी प्रमोटी आईपीएस अफसरों को प्राथमिकता दी जा सकती है। गौरतलब है कि राज्य पुलिस सेवा के 14 अफसर इसी 4 जुलाई को आईपीएस हुए हैं।
इनमें से मनीष खत्री भिंड जिले में पुलिस अधीक्षक बनाए जा चुके हैं। जबकि अभी 13 अफसर इस बैच के बाकी है। इनमें से एक अफसर एक प्रभावी नेता के करीबी हैं, वे ग्वालियर-चंबल संभाग के एक जिले के पुलिस अधीक्षक बन सकते हैं। वहीं इस बैच के एक अन्य अफसर को भीएसपी बनाने को लेकर विचार हो रहा है। बाकी कुछ पुलिस अधीक्षकों को एक जिले से हटाकर दूसरे जिले में पदस्थ किया जा सकता है।