Home विदेश साइफर मामले में इमरान खान पर लग सकता है देशद्रोह का आरोप

साइफर मामले में इमरान खान पर लग सकता है देशद्रोह का आरोप

1

इस्लामाबाद,
जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को कहा कि 'साइफर गेट' के कारण पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर देशद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है और बाद में उन्हें सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य ठहराया जा सकता है.

रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि साइफर गेट से पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान पर देशद्रोह का मुकदमा चल सकता है और उन्हें अयोग्य ठहराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ प्रमुख ने “राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राजनयिक साइफर का इस्तेमाल किया और निहित स्वार्थ के लिए वर्गीकृत दस्तावेज़ का उपयोग करने के लिए उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया जा सकता है”.

आसिफ ने उच्च राजद्रोह से संबंधित कानून का जिक्र करते हुए कहा, “पीटीआई प्रमुख पर अनुच्छेद 6 लगाया जा सकता है, जिसके तहत किसी आरोपी को मौत और आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है.” उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री के पूर्व प्रमुख सचिव आजम खान के इकबालिया बयान को ”महत्वपूर्ण” बताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री के सहयोगी ने उनके विरोधियों के आरोपों को सही ठहराया है.

विशेष रूप से, इमरान के शीर्ष सहयोगी ने इकबालिया बयान में खुलासा किया था कि तत्कालीन प्रधानमंत्री ने पिछले साल वॉशिंगटन में पाकिस्तान के दूत द्वारा भेजे गए राजनयिक साइफर का इस्तेमाल सत्ता प्रतिष्ठान और विपक्ष के खिलाफ कहानी गढ़ने के लिए किया था. जियो न्यूज ने इस बारे में जानकारी दी.

इससे पहले गुरुवार को कानून मंत्री आजम खान ने कहा था कि पीटीआई प्रमुख को “राजनीतिक उद्देश्यों के लिए राजनयिक साइफर का उपयोग करने के लिए 14 साल तक की सजा हो सकती है”.

जियो न्यूज ने सूत्रों के हवाले से बताया कि आजम, जो पिछले महीने से “लापता” है, ने मजिस्ट्रेट के सामने सीआरपीसी 164 के तहत अपना बयान दर्ज कराया है.

यह मामला इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों से संबंधित है, जिन्हें पिछले साल अप्रैल में संसदीय वोट के जरिए अपदस्थ कर दिया गया था.

27 मार्च, 2022 को, खान ने आरोप लगाया कि वाशिंगटन ने उन्हें पद से हटाने की योजना बनाई और अपने दावों का समर्थन करने के लिए एक सार्वजनिक रैली में साइफर लहराया. जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने बार-बार ऐसे आरोपों का खंडन किया है और उन्हें “स्पष्ट रूप से गलत” बताया है.

अपने कबूलनामे में, आजम ने दावा किया कि जब उन्होंने इमरान के साथ साइफर साझा किया, तो पूर्व प्रधानमंत्री काफी “उत्साहित” थे और उन्होंने इसे “अमेरिकी भूल” करार दिया.

आसिफ ने उस इकबालिया बयान का जिक्र करते हुए कहा, ”इससे बड़ा कोई विश्वासघात नहीं हो सकता है,” जिसमें कथित तौर पर सत्तारूढ़ गठबंधन के दावों की पुष्टि की गई थी कि पीटीआई प्रमुख ने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए वर्गीकृत दस्तावेज का उपयोग करके देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाला.

जियो न्यूज ने आसिफ के हवाले से कहा, “राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया गया और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन किया गया.”

इससे पहले गुरुवार को, इमरान ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा साइफर विवाद को फिर से जिंदा करने को चुनाव लड़ने से “उन्हें अयोग्य ठहराने का प्रयास” करार दिया.

जियो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, वीडियो लिंक के जरिए अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए पीटीआई प्रमुख ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) नेता आसिफ अली जरदारी और अन्य पर उन्हें राजनीतिक क्षेत्र से हटाने की साजिश रचने का आरोप लगाया.