Home राज्यों से उत्तर प्रदेश राममंदिर के पहले तल का निर्माण और हुआ तेज, नई तस्‍वीरें देखकर...

राममंदिर के पहले तल का निर्माण और हुआ तेज, नई तस्‍वीरें देखकर मंत्रमुग्‍ध हो जाएंगे आप

6

अयोध्या
श्रीरामजन्मभूमि पर बन रहे दिव्य मंदिर के भूतल के बाद अब प्रथम तल के निर्माण ने भी गति पकड़ ली है। श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर मंदिर निर्माण की ताजा तस्वीरें साझा की हैं। ड्रोन से ली गईं इन छह खूबसूरत तस्वीरों में प्रथम तल आकार लेता दिखाई दे रहा है। प्रथम तल का निर्माण भी दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद है। जबकि भूतल का निर्माण कार्य अक्तूबर में पूरा होने की बात तीर्थ क्षेत्र पहले ही कर चुका है।

दिव्य मंदिर के भूतल भवन का ढांचा बनने के बाद प्रथम तल का निर्माण जून माह के आखिरी सप्ताह में शुरू किया गया था। 24 घंटे सातों दिन 12 सौ से अधिक श्रमिकों व कारीगरों की मदद से एक माह से भी कम समय में प्रथम तल भी अब आकार लेता दिखने लगा है। श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय कहते हैं कि मंदिर का भूतल का निर्माण अक्तूबर में ही पूरा हो जाएगा केवल फिनिशिंग कार्य ही बचेगा जो दिसंबर में पूरा हो जाएगा। उन्होंने गुरुवार को अपने ट्विटर हैंडल व फेसबुक अकाउंट से अलग-अलग एंगल की तस्वीरें साझा की है।

ड्रोन कैमरे से ली गईं इन तस्वीरों में पश्चिम से पूरब तक 350 फिट लंबे मंदिर परिसर का ऊपरी हिस्सा दिखाई दे रहा हैं। तस्वीरों में गर्भगृह का अंश भी साफ नजर आ रहा है। इसी गर्भगृह में रामलला विराजमान होंगे। गर्भगृह के ठीक पहले गूढी मंडप उसके दाएं व बाएं प्रार्थना मंडप व सबसे अंत में रंग मंडप व उसके बाद सिंहद्वार स्पष्ट नजर आ रहा है। रंग मंडप, गूढी मंडप व प्रार्थना मंडप के ऊपर का आमलक दूसरे तल के निर्माण के बाद बनाया जाएगा। खास ये है कि तकनीकी पहलुओं को ध्यान में रखकर मंदिर के भूतल व प्रथम तल के मुख्य ढांचे का निर्माण लगभग एक साथ आकार ले रहा है। ताकि पत्थरों की सेटिंग में कहीं कोई अंतर न आ सके।

तीसरे तल का निर्माण 2025 तक
बताया जाता है कि राममन्दिर के तीसरे तल का निर्माण दिसम्बर 2025 में पूरा कर लिया जाएगा। नागर शैली में निर्माणाधीन इस मंदिर की विशेषता है कि सिंहद्वार से गर्भगृह के ऊपर शिखर तक निर्माण बढ़ते क्रम है। सिंहद्वार के नृत्य मंडप के ऊपरी तल पर मेहराब दार आमलक का निर्माण शुरू हो गया है। रंगमडप में यह निर्माण दूसरे तल व गूढ़ी मंडप में तीसरे तल पर होगा। गर्भगृह का शिखर सबसे ऊपर 161 फिट ऊंचा होगा।