भोपाल
पंचायतों को महिला हितैषी बनाने के लिए पुरुषों के व्यवहार में परिवर्तन लाना आवश्यक है। व्यवहार परिवर्तन के साथ महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर संवेदनशीलता के साथ विचार कर उस पर अमल करने का भी काम करना होगा, तभी महिला और बाल हितैषी पंचायतों की थीम को सफल बनाया जा सकेगा।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में यह सुझाव दिए गए हैं। इसको ध्यान में रखकर काम करने की बात पंचायत राज संचालक डा. केदार सिंह ने कही है। यूनिसेफ के सहयोग से हुई राज्य स्तरीय कार्यशाला में यूनिसेफ की चीफ फील्ड अफसर मार्गरेट गॉडा द्वारा शामिल हुईं। इस कार्यशाला में महिला एवं बच्चो से सम्बन्धित विभागों, एनजीओ, प्रशिक्षण संस्थानों एवं सभी जिलों के पंचायतों के नोडल अधिकारी शामिल हुए।
इस कार्यशाला का उद्देश्य सतत विकास के 9 थीमेटिक विषयो में से बाल हितैषी एवं महिला हितैषी पंचायतों के निर्माण के लिए संकेतांक और फ्रेमवर्क निर्धारण करना था। कार्यशाला में हरियाणा के पूर्व सरपंच सुनील जागलन विशेषज्ञ के रूप में विशेष रूप से उपस्थित थे।