नई दिल्ली
मणिपुर में पुरुषों के एक समूह द्वारा दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाने और कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार का वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी ने हिंसा प्रभावित राज्य पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर सवाल उठा रहा है। वहीं, केंद्र सरकार कहा है कि आज से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है। वीडियो जैसे ही वायरल हुआ कि सोशल मीडिया पर आक्रोश फैल गया। भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी घटना की निंदा की और कहा कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बात की है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर की स्थिति के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री को जिम्मेदार ठहराया है। वहीं, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, "केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मणिपुर में हिंसक घटनाओं पर आंखें मूंदकर क्यों बैठे हैं? क्या ऐसी तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें परेशान नहीं करती हैं?" कांग्रेस के संचार प्रभारी जयराम रमेश ने कहा, "संसद का मानसून सत्र शुरू होगा और 11 अगस्त को समाप्त होगा। क्या मोदी सरकार मणिपुर के नाजुक सामाजिक ताने-बाने को नष्ट करने वाली निरंतर भयावह त्रासदी पर चर्चा की अनुमति देगी? क्या प्रधानमंत्री अपनी चुप्पी तोड़ेंगे और सुलह की दिशा में आगे बढ़ने के लिए देश को विश्वास में लेंगे?" संसद को "प्रधानमंत्री की मणिपुर की बात का मंच" बताते हुए उन्होंने कहा कि यह नवगठित विपक्षी गठबंधन की यह मांग है।
वहींस तृणमूल कांग्रेस और अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी भी मुखर है। पीएम मोदी संसद के दोनों सदनों में बयान देने की मांग करते हुए तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि अगर प्रधानमंत्री नहीं बोलते हैं तो वह इसके बाद होने वाले व्यवधान के लिए जिम्मेदार होंगे। उन्होंने कहा, ''मन की बात बहुत हो गई, मणिपुर की बात का समय आ गया है।''
आम आदमी पार्टी ने कहा, "राज्य और केंद्र सरकारों की निष्क्रियता देश के सभी नागरिकों के लिए दर्दनाक है। हम फिर से प्रधानमंत्री से मणिपुर में हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं। समस्या पर आंखें मूंद लेने से यह दूर नहीं होगी।" वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी हमले की निंदा करते हुए ट्वीट किया और इसे "सरासर अमानवीय" बताया।
इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के एक बयान के अनुसार, यह घटना 4 मई की है। राजधानी इंफाल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी जिले की है। बयान में कहा गया है, "कांगपोकपी जिले में 4 मई को हुआ यह घृणित दृश्य, पुरुषों को असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ करते हुए दिखाता है। महिलाएं रोती हैं और अपने बंधकों से गुहार लगाती हैं।''
मणिपुर पुलिस ने कहा कि मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच जारी है। मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा, "4 मई को अज्ञात हथियारबंद बदमाशों द्वारा दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने के वायरल वीडियो के संबंध में नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन (थौबल जिला) में अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया गया था। जांच शुरू हो गई है। राज्य पुलिस दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।"