Home छत्तीसगढ़ चुनावी चर्चा..दक्षिण का किला ढहाने कांग्रेस को सेनापति की तलाश

चुनावी चर्चा..दक्षिण का किला ढहाने कांग्रेस को सेनापति की तलाश

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रायपुर

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गई है। पार्टीगत रणनीति बनने लगे हैं,वहीं दावेदारों की सक्रियता भी बढ़ गई है। वैसे तो राज्य में 90 सीटों पर चुनाव होना है,पर कुछ हाट सीट हैं जिन पर नजरें लगी हुई हैं उनमें से एक है रायपुर दक्षिण विधानसभा यहां से कांग्रेस को लगातार हार का सामना करना पड़ा है.पार्टी ऐसी सीटों पर मजबूत दावेदार की तलाश में है। हालांकि यहां से हर बार नए चेहरे ही उतारे गए,पराजित प्रत्याशी को दोबारा मौका नही ंमिला। आंतरिक तौर पर सर्वे व हार जीत के कारणों को तलाशा गया है जिसमें यह बात सामने आई है कि उसी की तर्ज पर ऐसा सर्वमान्य चेहरा उतारा जाए जो जनता के बीच सामान्य रूप से मेलजोल रखता हो। क्योंकि पार्टी का परम्परागत वोट तो टूटने से रहा। राज्य सरकार का बेहतर कामकाज व सीटिंग विधायक की नाराजगी इसमें प्लस का काम करेगा। इन सबके बीच मुद्दे की बात जो सामने आ रही है ऐसी सीटों पर कम से कम दो से ढाई माह पहले प्रत्याशी घोषित किया जाए ताकि तैयारी के लिए मौका मिल सके,और यहीं कांग्रेस पार्टी पिछड़ जाती है।

दक्षिण का किला ढहाने के लिए कांग्रेस को एक मजबूत सेनापति की तलाश है। चुनावी चर्चा के बीच एक प्रमुख नाम रायपुर नगर निगम के वर्तमान सभापति प्रमोद दुबे का उभर कर सामने आया है। अब नाम उछलते ही सवाल भी उठने लगे कि आखिर प्रमोद दुबे क्यों..? इसके पीछे कुछ प्रमुख कारण गिनाये जा रहे हैं कि वे महापौर भी रह चुके हैं और अब सभापति इसके साथ दक्षिण विधानसभा के तीन अलग अलग वार्डो से वे पार्षद भी निर्वाचित होते आ रहे हैं। पहली बार ब्राम्हणपारा, दूसरी बार रामकुंड व तीसरी बार पंडित भगवतीचरण शुक्ल वार्ड से चुनाव जीते हैं। निगम की राजनीति में सक्रिय रहने से शहरी जनता से सतत संपर्क बना हुआ है। छात्र राजनीति में रविवि के अध्यक्ष रहे हैं। विभिन्न सामाजिक,सांस्कृतिक व खेल संगठनों से जुड़े होने का फायदा भी मिलेगा। सुख और दुख के मौकों पर शहर में कहीं पर भी प्रमोद दुबे की मौजूदगी दिख जायेगी। वैसे कांग्रेस ने कभी जातिगत राजनीति या समीकरण को तवज्जो नहीं दिया है,मापदंड केवल मजबूत जनाधार वाला जीत योग्य चेहरा रहा है। दक्षिण विधानसभा में 42 हजार ब्राम्हण,18 हजार मुस्लिम व 17 हजार उत्कल मतदाता हैं। यही निर्णायक मतदाता हैं।

जनता से सीधे जुड़े दो बड़े अभियान जिसे शहर के लोगों ने भरपूर सराहा और सहभागिता निभाई। एक नशे के खिलाफ जनजागरूकता को लेकर – नशे के विरुद्ध जंग- नाम देकर विभिन्न संगठनों व महिला समूहों को जोड़कर विविध आयोजन करते आ रहे हैं। वहीं पर्यावरण को संरक्षित करने नो व्हीकल डे के नाम से साइकिल चलाने का संकल्प दिलाया। इस अभियान में शहर का हर वर्ग जुड़ा।  प्रमोद दुबे की एक पहचान ठेठ छत्तीसगढिय़ापन भी है। आजकल पूरे सूबे में छत्तीसगढ़ और छत्तीसगढिय़ा से जुड़े तीज त्यौहार,खान पान, बोली भाखा में छत्तीसगढिय़ा को पसंद किया जा रहा है।

फैक्ट फाइल
रायपुर दक्षिण विधानसभा में कुल मतदाता-2,38,780
महिला मतदाता-1,18,017 व पुरुष मतदाता 1,20,706 तथा ट्रांसजेंडर 57
पिछला चुनाव -भाजपा को मिले 77,589 वोट व कांग्रेस को 60,093 वोट,जीत का फासला-17,496 वोट