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‘INDIA’ पर सवाल उठाने वाले अकेले नहीं थे नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल का क्या था विचार

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 नई दिल्ली

INDIA यानी इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव अलायंस, विपक्षी दलों की बैठक के दौरान मंगलवार को इस नाम पर मुहर लग गई। इसके साथ ही माहौल तैयार हो गया कि 2024 की चुनावी जंग NDA बनाम INDIA गठबंधन होने वाली है। हालांकि, खबरें आईं थीं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कुछ और नेताओं को विपक्षी गठबंधन के इस प्रस्तावित नाम के कुछ हिस्से से आपत्ति थी।

कहां से आया यह नाम
खबर है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की तरफ से यह नाम सुझाया गया था, जिसे बैठक में सभी के सामने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममत बनर्जी ने रखा। इस घटनाक्रम को कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच जुगलबंदी का नया दौर भी माना जा रहा है। दोनों दलों के बीच हालिया चुनाव और हिंसा को लेकर रिश्ते तल्ख होने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

नीतीश समेत इन नेताओं का सवाल
टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की तरफ से नाम सभी के सामने रखा गया और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चर्चा की शुरुआत की। इस दौरान अक्षर D को लेकर 'डेमोक्रेसी' और 'डेवलपमेंट' पर लंबा मंथन भी हुआ। खबर है कि नीतीश ने सवाल उठाया कि गठबंधन का नाम INDIA कैसे हो सकता है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्ताव से हैरान हुए वाम नेता सीताराम येचुरी, डी राजा और जी देवराजन भी शुरुआत में नाम से सहमत नहीं हुए।

केजरीवाल ने उठाया बड़ा मुद्दा
एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल नाम से ज्यादा सीट शेयरिंग में दिलचस्पी लेते नजर आए। उन्होंने कहा कि गठबंधन को नाम देने से ज्यादा जरूरी सीटों का बंटवारा है। साथ ही येचुरी ने भी इसे अहम मुद्दा बताया। उन्होंने केरल और पश्चिम बंगाल का उदाहरण भी दिया, जहां वाम दलों की मौजदूगी है।

इन नामों का भी आया सुझाव
खबर है कि INDIA के अलावा विपक्षी दलों की बैठक में 'सेव इंडिया अलायंस', 'सेक्युलर इंडिया अलायंस', इंडियन पीपु्ल्स फ्रंट', 'पीपुल्स अलायंस फॉर इंडिया', 'प्रोग्रेसिव पीपुल्स अलायंस' जैसे नामों का भी प्रस्ताव दिया गया। येचुरी की तरफ से वी (Victory) फॉर इंडिया या वी (WE) फॉर इंडिया का सुझाव दिया गया, लेकिन कई नेताओं का मानना था कि ये चुनावी नारे की तरह लग रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी नेता महबूबा मुफ्ती ने 'भारत जोड़ो अलायंस' का सुझाव दिया। उन्होंने इसके तार राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से जोड़े। इधर, शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) नेता उद्धव ठाकरे ने सुझाव दिया है कि टैगलाइन हिंदी में होना चाहिए। खबर है कि विपक्षी दल 'जीतेगा भारत' पर सहमति बना सकते हैं।