लंदन
विज्ञानियों की एक टीम ने हाल ही में पता लगाया है कि कई जरूरी कामों और व्यवहारों के लिए आवश्यक जीनों का उदय आज से करीब 65 करोड़ वर्ष पहले हुआ था। ये जीन नई चीजें सीखने, किसी चीज को याद रखने, गुस्सा करने और अन्य जटिल मानवीय व्यवहारों के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशंस जर्नल में हाल ही में प्रकाशित हुआ है।
शोध का नेतृत्व करने वाले ब्रिटेन के लीसेस्टर विश्वविद्यालय में जेनेटिक्स और जीनोम विभाग के प्रोफेसर डा. रोबर्टो फ्यूडा ने कहा, "हमें यह बात काफी पहले से पता है कि सेरोटोनिन, डोपामाइन और एड्रेनेलिन जैसे मोनोएमीन हमारे तंत्रिका तंत्र में न्यूरो-माडुलेटर का काम करते हैं। ये मोनोएमीन, जटिल मानवीय व्यवहारों जैसे, सीखने और याद रखने की क्षमता के साथ-साथ सोने और भूख लगने पर भोजन करने की प्रक्रिया को भी नियंत्रित करते हैं।
शोध टीम ने कंप्यूटर पर आधारित तरीकों का इस्तेमाल करके इन जीनों की उत्पत्ति के इतिहास को फिर से दिखाने की कोशिश की। इससे यह पता चला कि अधिकांश मोनोएमीन की उत्पत्ति, विकास और विघटन में शामिल जीनों का उदय बाई-लेटरल स्टेम ग्रुप में हुआ है। इसका मानव और पशुओं के जटिल व्यवहारों पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
शोधकर्ताओं ने बताया कि तंत्रिका तंत्र के इस माडुलेशन का बड़ा प्रभाव बिग-बैंग पर भी पड़ा होगा। जिसकी वजह से आज पृथ्वी पर अनेक तरह के जीव-जंतु पाए जाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस खोज से मानव और पशुओं के जटिल व्यवहारों का अध्ययन करने और उनके उदय के स्रोत खोजने के क्षेत्र में अनुसंधान को नए आयाम मिलेंगे। इससे भविष्य में कई बीमारियों का इलाज ढूंढने में भी मदद मिल सकती है।