नईदिल्ली .
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने आज सहारा रिफंड पोर्टल (Sahara Refund Portal) को लॉन्च कर दिया है. इस पोर्टल के जरिए सहारा में निवेशकों के फंसे पैसे वापस मिलेंगे. देशभर के लाखों निवेशकों के करोड़ों रुपये सहारा इंडिया में फंसे हुए हैं. इस पोर्टल के लॉन्च होने से निवेशकों को उम्मीद जगी है कि उनके निवेश किए हुए पैसे अब वापस मिल जाएंगे.
निवशकों के मन में सहारा के रिफंड को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे होंगे। आइए एक-एक करके उनके जवाब जान लेते हैं –
प्रश्न – रिफंड के लिए कहां से करें अप्लाई?
निवेशक को इस लिंक पर जाना होगा – https://mocrefund.crcs.gov.in/Depositor/Login
प्रश्न – किन्हें मिलेगा रिफंड?
सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड में जिन्होंने निवेश किया था उनके पैसे रिफंड किए जा रहे हैं।
प्रश्न – आधार कार्ड से जुड़ा मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट जरूरी है?
हां, जैसे ही रिफंड पोर्टल पर जाएंगे और वहां प्रोसेस शुरू करेंगे सबसे पहले आपके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा। वहीं, आधार कार्ड से जुड़ा बैंक अकाउंट भी जरूरी है।
प्रश्न – क्या पैन कार्ड की जरूरत पड़ेगी।
हां, अगर आपका दावा 50,000 रुपये से अधिक का है तो पैन कार्ड भी जरूरी रहेगा।
प्रश्न – अगर आधार कार्ड मोबाइल नबंर से जुड़ा नहीं है तब क्या करें?
जमकर्ता नजदीक के आधार सेवा केंद्र पर जाकर मोबाइल नंबर लिंक करवा लें। क्योंकि बिना इसके वे आवेदन नहीं कर पाएंगे।
प्रश्न – आधार कार्ड से बैंक अकाउंट नहीं जुड़ा है? क्या करें।
सबसे पहले अपने बैंक अकाउंट को आधार कार्ड से जोड़ें। नहीं तो रिफंड के लिए अप्लाई नहीं कर पाएंगे।
प्रश्न – कैसे पता करें कि बैंक अकाउंट आधार से जुड़ा है या नहीं?
प्रश्न – क्या आवदेन के लिए कोई पैसा देना होगा?
नहीं, इसके लिए कोई भी शुल्क नहीं लगेगा।
प्रश्न – अगर किसी के पास एक से अधिक खाते हैं तो क्या अलग-अलग फॉर्म भरना होगा?
नहीं, एक ही फॉर्म भरना होगा।
प्रश्न – कैसे पता चलेगा कि दावा सही है या नहीं?
रजिस्टर्ड मोबाइल नबंर पर एक एसएमएस आ जाएगा और पोर्टल पर एक रसीद दिखाई देगी।
प्रश्न – कितने दिन में वापस आएगा पैसा?
सत्यापन की प्रक्रिया को 30 दिन के अंदर पूरा करना है। 45 दिन के अंदर पैसा वापस आ जाएगा।
4 को-ऑपरेटिव सोसाइटी के निवेशक कर सकेंगे आवेदन
सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड लखनऊ
सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी लिमिटेड भोपाल
हमारा इंडिया क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड कोलकाता
स्टार्स मल्टीपर्पज को-ऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड हैदराबाद
. बैंक अकाउंट से आधार सीडिंग की जांच कैसे करें?
बैंक अकाउंट के साथ आधार जोड़ने की स्थिति की जांच करने के लिए UIDAI वेबसाइट पर जाएं।
. क्या जमाकर्ता को एक ही दावा प्रपत्र में सभी डिपॉजिट की डिटेल्स देना आवश्यक है?
जमाकर्ता को सभी जमाओं की डिटेल्स एक ही दावा फॉर्म (प्रपत्र) में जोड़कर देना होगा। जमा प्रमाणपत्र या पासबुक की कॉपी भी अपलोड करनी होगी।
क्या जमाकर्ता दावा फॉर्म जमा करने के बाद और दावे जोड़ सकता है?
जी नहीं, दावा फॉर्म जमा करने के बाद जमाकर्ता कोई दावा नहीं जोड़ सकते। इसलिए, एक बार में ही ठीक से फॉर्म भरें।
. जमाकर्ता को कैसे पता चलेगा कि उसका फॉर्म सफलतापूर्वक पेश हो गया है?
दावा सफलतापूर्वक प्रस्तुत होने पर, पोर्टल पर एक रसीद संख्या दिखाई देगी और रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर SMS भी आएगा।
. जमाकर्ता को रिफंड की राशि कितने दिनों में मिलेगी?
जिस तारीख को आपने दावा किया है उससे 45 दिनों के अंदर दावा राशि आधार से जुड़े अकाउंट में आ जाएगी।
क्या जमाकर्ता दावा आवेदन आंशिक रूप से भरने के बावजूद बाहर निकल सकता है?
जी हां, जमार्ता पोर्टल से बाहर निकल सकता है। बाद में फिर से लॉगइन कर प्रोसेस कंटीन्यू कर सकता है।
5,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर होंगे
सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक सदस्यों/जमाकर्ताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया था। मार्च में, सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि सहारा ग्रुप की सहकारी समितियों के वास्तविक जमाकर्ताओं के बकाया के भुगतान के लिए 'सहारा-सेबी रिफंड अकाउंट' से 5,000 करोड़ रुपए सेंट्रल रजिस्ट्रार ऑफ कोऑपरेटिव सोसाइटीज (CRCS) में ट्रांसफर किए जाएं।
जस्टिस सुभाष रेड्डी की निगरानी में पूरी की जाएगी प्रोसेस
डिपॉजिटर्स को पैसा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज आर सुभाष रेड्डी की निगरानी लौटाया जाना है। इस मामले में एडवोकेट गौरव अग्रवाल जस्टिस रेड्डी को असिस्ट करेंगे। सुप्रीम कोर्ट के अगस्त 2012 में सहारा ग्रुप की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इंडिया कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) को इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के निर्देश के बाद सहारा-सेबी एस्क्रो अकाउंट खोले गए थे। जिसमें सहारा ग्रुप की ओर से पैसे जमा करवाए गए थे।